नई दिल्ली, 17 मार्च : राज्यसभा (Rajya Sabha) के सभापति एम वेंकैया नायडू (Chairman M. Venkaiah Naidu) ने मनोनीत सदस्य स्वप्न दासगुप्ता का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने उच्च सदन में इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि दासगुप्ता का इस्तीफा 17 मार्च से प्रभावी होगा. उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections) में अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद स्वप्न दासगुप्ता ने उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने दासगुप्ता पर संविधान की 10वीं अनुसूची के उल्लंघन का आरोप लगाया था. यह भी पढ़े: पश्चिम बंगाल: सीएम ममता बनर्जी बोलीं- बीजेपी को वोट न दें, वरना आप अपने धर्म का पालन नहीं कर पाएंगे
दासगुप्ता अप्रैल, 2016 में राज्यसभा के सदस्य बने थे. उन्हें पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा ने तारकेश्वर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. मोहुआ मोइत्रा ने राज्यसभा का मनोनीत सदस्य रहते हुए दासगुप्ता को विधानसभा चुनाव में भाजपा का उम्मीदवार बनाए जाने पर सवाल उठाए थे.
उन्होंने ट्वीट में कहा था कि संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार, अगर कोई मनोनीत सदस्य शपथ लेने के छह महीने के बाद किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होता है तो उसकी सदस्यता रद्द की जा सकती है. संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार, अनुच्छेद 99 या 188 के प्रावधानों (जो भी लागू हों) को पूरा करने के बाद मनोनीत सदस्य अपने शपथग्रहण के बाद से छह महीने का समय समाप्त होने के पहले किसी राजनीतिक दल से जुड़ सकता है.