Rajasthan: अलवर की एक स्थानीय अदालत ने रकबर हत्‍या मामले में चार दोषियों को सात-सात साल का कारावास
प्रतीकात्मक (Photo Credit: Pixabay)

जयपुर, 25 मई: अलवर की एक स्थानीय अदालत ने रकबर भीड़ हत्या (मॉब लिंचिंग) मामले में बृहस्‍पतिवार को चार आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें सात-साल साल कारावास की सजा सुनाई.

राजस्थान के अलवर में गोरक्षकों ने करीब पांच साल पहले रकबर उर्फ अकबर की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. अदालत ने इस मामले में पांचवें आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. यह भी पढ़ें: ओडिशा एसटीएफ ने तेंदुए की खाल के साथ किया एक शख्स को किया गिरफ्तार

विशेष लोक अभियोजक अशोक शर्मा ने बताया कि मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे अदालत-1) ने आरोपी परमजीत, धर्मेंद्र, नरेश और विजय कुमार को भादंसं की धारा 341 और 304(1) के तहत दोषी ठहराया और चारों को सात-सात साल की कैद की सजा सुनाई. उन्होंने कहा कि पांचवें आरोपी नवल किशोर को उसके खिलाफ पर्याप्त सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया.

शर्मा ने कहा कि भादंसं की धारा 304 (1), धारा 302 का ही एक हिस्सा है जहां जान से मारने का इरादा नहीं होता और इसमें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है.पुलिस ने 2019 में परमजीत सिंह, नरेश शर्मा, विजय कुमार और धर्मेंद्र यादव समेत चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.

20 जुलाई, 2018 को अलवर के रामगढ़ इलाके में गौवंश तस्करी के संदेह में रकबर उर्फ अकबर को कुछ लोगों ने बुरी तरह पीटा था। 20 जुलाई की रात खान और उसके दोस्त असलम ने कथित तौर पर लाडपुरा गांव से गायों को खरीदा था और उन्हें अलवर जिले में लालवंडी के पास एक जंगली इलाके से होते हुए हरियाणा ले जा रहे थे। जब आरोपियों ने उन पर हमला किया तब असलम तो भागने में सफल रहा लेकिन अकबर की बुरी तरह से पिटाई की गयी जिसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गयी.

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