Rajasthan: आदिवासी महिला से छेड़छाड़ के आरोप में पुलिस कांस्टेबल निलंबित
राजस्थान के उदयपुर जिले में एक आदिवासी महिला ने पुलिस के एक कान्स्टेबल पर पुलिस चौकी में छेड़छाड़ और परेशान करने का आरोप लगाया जिसके बाद आरोपी कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। यह जानकारी पुलिस ने दी.
जयपुर: राजस्थान के उदयपुर जिले में एक आदिवासी महिला ने पुलिस के एक कान्स्टेबल पर पुलिस चौकी में छेड़छाड़ और परेशान करने का आरोप लगाया जिसके बाद आरोपी कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है. यह जानकारी पुलिस ने दी. पुलिस के अनुसार पनारवा थानाधिकारी और सहायक पुलिस उपनिरीक्षक को लापरवाही के लिये थाने से हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया गया है. कांस्टेबल जितेन्द्र और सहायक उपनिरीक्षक राजकुमार विवाहिता आदिवासी महिला और उसके माता-पिता और एक स्थानीय व्यक्ति को गुमशुदगी की एक शिकायत की जांच के सिलसिले में एक निजी वाहन से गुजरात ले गए थे. पुलिस को शक था कि महिला चार साल से लापता एक बच्ची के ठिकाने के बारे में जानती थी. यह भी पढ़े: छत्तीसगढ़: नाबालिग बेटी और मां ने छेड़छाड़ करने वाले शख्स को पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा, पुलिस ने किया अरेस्ट
पुलिस के अनुसार दोनों पुलिसकर्मी शुक्रवार को बिना महिला कांस्टेबल के उन्हें गुजरात ले गए। गुजरात जाने से पहले महिला और उसके माता-पिता को बृहस्पतिवार रात को पुलिस चौकी में रखा गया जहां महिला के साथ कांस्टेबल ने कथित तौर पर छेड़खानी की. वे जब शनिवार को गुजरात से वापस लौटे तो उन्होंने स्थानीय लोगों को घटना के बारे में बताया जिसके बाद वे मामला दर्ज करवाने के लिये थाने पहुंचे लेकिन मामला दर्ज नहीं किया गया। उसके बाद रविवार शाम को स्थानीय विधायक के हस्तक्षेप करने पर मामला दर्ज किया गया.
उदयपुर पुलिस अधीक्षक मनोज चौधरी ने बताया कि आरोपी कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है और मामले में लापरवाही बरतने के लिये सहायक उपनिरीक्षक और थानाधिकारी को पुलिस लाइन भेज दिया गया. एक अन्य पुलिस अधिकारी ने इसकी पुष्टि की कि महिला को रात में पुलिस चौकी में रखा गया था ओर उसे और उसके माता-पिता को 2017 में दर्ज गुमशुदगी की एक शिकायत के सिलसिले में बिना महिला कांस्टेबल के गुजरात ले जाया गया था.
झाडोल (उदयपुर) के भाजपा विधायक बाबूलाल ने आरोप लगाया कि आरोपी कांस्टेबल ने आदिवासी महिला से छेडछाड के अलावा पुलिस चौकी में महिला और उसके पिता के साथ मारपीट भी की.
उन्होंने बताया, ‘‘पुलिस ने शुरू में मामला दर्ज नहीं किया और मुझे मामला दर्ज करवाने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्हें (महिला और उसके माता-पिता को) कांस्टेबल की निजी एसयूवी वाहन में बिना महिला कांस्टेबल के ले जाया गया. पीड़ित महिला को रात को पुलिस चौकी में रखा गया। पुलिस ने कई नियमों का उल्लंघन किया है.
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