जयपुर, सात जुलाई भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा के बारे में भड़काऊ वीडियो बनाने व धमकाने के आरोपी खादिम की अजमेर में गिरफ्तारी के घटनाक्रम की जांच पुलिस की सतर्कता शाखा करेगी। इस मामले में दरगाह वृताधिकारी संदीप सारस्वत (राजस्थान पुलिस सेवा) को हटा दिया गया है। उन्हें पदस्थापन की प्रतीक्षा (एपीओ) में रखा गया है।
कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने बताया कि इस मामले में आरोपी, अजमेर दरगाह के खादिम मौलवी सलमान चिश्ती को मंगलवार देर रात अजमेर में गिरफ्तार किया गया था। चिश्ती की गिरफ्तारी प्रक्रिया का एक वीडियो बाद में सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हो हुआ है। इसमें एक पुलिस अधिकारी कथित रूप से चिश्ती को ‘नशे में होने की बात कहने’ की सलाह देता सुनाई दे रहा है। इसको लेकर दरगाह वृताधिकारी संदीप सारस्वत (आरपीएस) को पुलिस मुख्यालय द्वारा एपीओ कर प्रकरण की जांच विजिलेंस शाखा को सौंपी गई है।
प्रसारित वीडियो के बारे में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर विकास सांगवान ने बताया कि आरोपी नशा करने का आदी है। उन्होंने कहा कि आरोपी पहले भी गिरफ्तारी के समय खुद को नुकसान पंहुचाने का प्रयास कर चुका है, इसे ध्यान में रखते हुए उसको समझा-बुझाकर पकड़ा जा रहा था ताकि मौके पर स्थिति बिगड़ ना जाए।
उन्होंने कहा कि आरोपी को अदालत में पेश कर हिरासत में लिया गया व पूछताछ की जा रही है।
मिश्रा ने बताया कि अपराधियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रकरण में आरोपी के विरुद्ध पुख्ता साक्ष्य जुटाकर अभियोजन की सशक्त कार्रवाई की जाएगी।
इस खादिम ने अपने कथित वीडियो में नुपुर शर्मा का सिर कलम करने वाले को अपना घर इनाम में देने की बात कही थी। पुलिस के अनुसार खादिम ने कथित वीडियो 28 जून को उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड से पहले रिकॉर्ड किया था। हालांकि यह बाद में व्यापक रूप से प्रसारित हुआ था।
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