COVID-19 Vaccination: राजस्थान उच्च न्यायालय पाकिस्तानी प्रवासियों के टीकाकरण पर राज्य सरकार की ‘निष्क्रियता’ से नाराज
राजस्थान उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार से यह बताने को कहा कि वह पाकिस्तान से आए हिन्दू प्रवासियों को कोविड रोधी टीकाकरण के लिए अपने इस स्पष्टीकरण के बावजूद पात्र क्यों नहीं मान रही है कि केंद्र के नियम इन लोगों को टीकाकरण का पात्र बनाते हैं.
जोधपुर: राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार से यह बताने को कहा कि वह पाकिस्तान (Pakistan) से आए हिन्दू प्रवासियों को कोविड रोधी टीकाकरण (COVID-19 Vaccination) के लिए अपने इस स्पष्टीकरण के बावजूद पात्र क्यों नहीं मान रही है कि केंद्र के नियम इन लोगों को टीकाकरण का पात्र बनाते हैं.उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ ने राज्य सरकार द्वारा यह नहीं बताए जाने पर भी कड़ी आपत्ति जताई कि उसने पाकिस्तान से आए हिन्दू प्रवासियों सहित निर्धारित पहचान पत्र नहीं रखने वाले लोगों के टीकाकरण के लिए क्या कदम उठाए हैं.
न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई और न्यायमूर्ति रामेश्वर व्यास की पीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्य सचिव को आदेश दिया कि वह अदालत में एक विस्तृत शपथपत्र दायर करें जिसमें उन लोगों के टीकाकरण के लिए उठाए गए सभी कदमों की जानकारी हो जिनके पास पहचान के वैध दस्तावेज नहीं हैं. यह भी पढ़ें: Sputnik V Vaccine: सीरम इंस्टीट्यूट ने DCGI से मांगी स्पुतनिक-V वैक्सीन बनाने के लिए अनुमति
पीठ ने रेखांकित किया कि राज्य सरकार ने 28 मई को पिछली सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया था कि किसी वैध पहचान दस्तावेज के न होने पर टीकाकरण के लिए लोगों की पहचान के वास्ते केंद्र की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पाकिस्तानी प्रवासियों को टीकाकरण के लिए पात्र बनाती है.
पीठ ने कहा, ‘‘यह समझना मुश्किल है कि राज्य सरकार केंद्र से और स्पष्टीकरण क्यों मांग रही है तथा एसओपी में पाकिस्तानी प्रवासियों को शामिल करने का आग्रह क्यों कर रही है.’’