Rajasthan Lockdown: राजस्थान में 24 मई से 8 जून तक त्रि-स्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शनिवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में जन अनुशासन लॉकडाउन को 15 दिन और बढ़ाने के लिए दिए गए सुझाव के मद्देनजर राज्य में 24 मई से 8 जून तक त्रि-स्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन की दिशा-निर्देश जारी की गई है. मंत्रिपरिषद ने संक्रमित मामलों की संख्या में कुछ कमी आने के बावजूद संक्रमण एवं मृत्यु दर तथा अस्पतालों पर अत्यधिक दबाव होने के कारण लॉकडाउन जैसे सख्त कदमों को जारी रखने का सुझाव दिया था.
जयपुर, 23 मई. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की अध्यक्षता में शनिवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में जन अनुशासन लॉकडाउन (Jan Anushasan Lockdown) को 15 दिन और बढ़ाने के लिए दिए गए सुझाव के मद्देनजर राज्य में 24 मई से 8 जून तक त्रि-स्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन (Three-Tier Lockdown) की दिशा-निर्देश जारी की गई है. मंत्रिपरिषद ने संक्रमित मामलों की संख्या में कुछ कमी आने के बावजूद संक्रमण एवं मृत्यु दर तथा अस्पतालों पर अत्यधिक दबाव होने के कारण लॉकडाउन जैसे सख्त कदमों को जारी रखने का सुझाव दिया था. त्रि-स्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन के तहत परिवार, वार्ड, ग्राम, शहर एवं राज्य स्तर पर सामाजिक व्यवहार में कोविड प्रोटोकाल के अनुरूप बदलाव लाने की अपेक्षा की गई है. प्रथम स्तर पर पारिवारिक जिम्मेदारी समझते हुए लोगों को कुछ समय के लिए बाहरी व्यक्तियों का घर में प्रवेश रोकना होगा. यह भी पढ़ें- कोरोना महामारी की भीषण मार झेल रहा भारत, अमेरिका और ब्राजील के बाद यहां भी मौत का आंकड़ा 3 लाख के पार.
सरकारी बयान के अनुसार अतिआवश्यक होने पर खुले स्थान पर दो गज की दूरी का पालन करते हुए मिला जा सकता है, ताकि परिवार के बुजुर्ग, बच्चे एवं अन्य लोग सुरक्षित रहें. वहीं दूसरे स्तर पर गांव और मोहल्ले में ऐसी गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश रखना होगा, जिनसे संक्रमण फैलने की आशंका रहती है. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी स्थान पर 5 से ज्यादा लोग एकत्र ना हों.
ANI का ट्वीट-
इसी प्रकार तीसरे स्तर पर मेडिकल इमरजेंसी और अनुमत श्रेणी के अलावा एक शहर से दूसरे शहर, शहर से गांव, गांव से शहर तथा एक गांव से दूसरे गांव में आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रखना होगा. ग्राम स्तरीय निगरानी समितियों को इसमें अपनी विशेष भूमिका निभानी होगी. समस्त प्रदेशवासियों को इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए अपने सामाजिक व्यवहार में बदलाव लाना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि विवाह समारोह में भीड़ जुटना संक्रमण के प्रसार का एक बड़ा कारण रहा है. इसे देखते हुए विशेषज्ञों की सलाह एवं जनप्रतिनिधियों के सुझाव पर 30 जून तक विवाह स्थगित रखने की अपेक्षा की गई है.
उन्होंने कहा कि लोग कोविड प्रोटोकाल को आवश्यक रूप से अपने व्यवहार में शामिल करें ताकि स्थिति में सुधार होने पर लॉकडाउन की पाबंदियों में शिथिलता दी जा सके. उन्होंने कहा कि इससे कुछ तकलीफें जरूर होती हैं, लेकिन संक्रमण प्रसार की वर्तमान स्थितियों में प्रदेशवासियों की जीवनरक्षा के लिए ये प्रतिबंध लगाना जरूरी है.
दिशा-निर्देश के अनुसार राज्य में 24 मई की प्रातः 5 बजे से 8 जून की प्रातः 5 बजे तक त्रि-स्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन रहेगा. सार्वजनिक स्थल एवं कार्यस्थल पर फेस मास्क या फेसकवर नहीं लगाने पर जुर्माना राशि 500 से बढ़ाकर 1000 रुपए की गई है.
डेयरी एवं दूध की दुकानों, मंडियां, फल-सब्जी, फूल माला की दुकानों तथा फल-सब्जी का ठेले, साइकिल, रिक्शा, आटो रिक्शा एवं मोबाइल वैन के माध्यम से विक्रय को छोड़कर बाजार शुक्रवार 28 मई दोपहर 12 बजे से मंगलवार 1 जून प्रातः 5 बजे तक तथा शुक्रवार 4 जून दोपहर 12 बजे से मंगलवार 8 जून प्रातः 5 बजे तक बंद रहेंगे.
दिशा-निर्देशानुसार राज्य में विवाह समारोह 30 जून, 2021 तक स्थगित रखे जाएं. इस दौरान किसी भी प्रकार के सामूहिक भोज की अनुमति नहीं होगी. राज्य में मेडिकल सेवाओं के अतिरिक्त सभी प्रकार के निजी एवं सरकारी परिवहन के साधन जैसे- बस, जीप आदि पूरी तरह बंद रहेंगे. बारात के आवागमन के लिए बस, आटो, टैम्पो, ट्रैक्टर, जीप आदि की अनुमति नहीं होगी. अन्तर्राज्यीय एवं राज्य के भीतर माल का परिवहन करने वाले भारी वाहनों का आवागमन, माल की लोडिंग एवं अनलोडिंग तथा इस कार्य के लिए नियोजित व्यक्ति अनुमत होंगे.
राज्य में मेडिकल, अन्य इमरजेंसी एवं अनुमत श्रेणियों को छोड़कर एक जिले से दूसरे जिले, एक शहर से दूसरे शहर, शहर से गांव, गांव से शहर और एक गांव से दूसरे गांव में सभी प्रकार के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.
टीकाकरण के लिए लोग अपने निवास स्थान से संबंधित नगरीय निकाय या पंचायत समिति की सीमा में स्थित टीकाकरण स्थल पर ही जा सकेंगे. वहीं राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों को 72 घंटे के भीतर करवाई गई आरटी-पीसीआर नेगेटिव जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा. और यदि कोई यात्री नेगेटिव जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करता है, तो उसे 15 दिन के लिए पृथक-वास में भेजा जाएगा. कुछ जिलों में संक्रमण के प्रसार की स्थिति में सुधार हुआ है. स्थिति और ठीक होने तथा लोगों द्वारा जन अनुशासन की प्रभावी पालना सुनिश्चित होने पर एक जून से इन जिलों में व्यावसायिक गतिविधियों में और छूट दी जा सकती है.