देश की खबरें | उत्तराखंड में बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त, भूस्खलन में एक व्यक्ति की मौत

देहरादून, 23 अगस्त उत्तराखंड के पौड़ी जिले में बुधवार को भूस्खलन में एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं, मौसम विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में बुधवार के लिए बारिश का ‘रेड या आरेंज अलर्ट’ जारी किए जाने के बाद प्रशासन से 24 घंटे मुस्तैद रहने को कहा गया है।

प्रदेश के ज्यादातर स्थानों पर लगातार बारिश होने के कारण नदी—नाले उफान पर हैं और राष्ट्रीय राजमार्गों समेत अनेक सड़कें यातायात के लिए अवरूद्ध हो गयी हैं। इससे सामान्य जीवन प्रभावित हो रहा है।

पौड़ी के जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, थलीसैंण तहसील के जगतपुरी—उफरैंखाल—रामनगर मोटर मार्ग पर उफरैंखाल के नजदीक पापतोली में अचानक पहाड़ी से मलबा आ गिरा और वहां काम कर रहे दो श्रमिक उसकी चपेट में आ गए।

प्राप्त सूचना के अनुसार, शाम करीब चार बजे हुए हादसे में एक श्रमिक हीरा सिंह (55) की मृत्यु हो गयी जबकि दूसरा, श्याम सिंह (35) घायल हो गया। दोनों श्रमिक पापतोली के ही रहने वाले हैं।

हरिद्वार में चंडीदेवी मंदिर के पास बनी तीन दुकानों के नीचे की दीवार धंसने की सूचना है। हालांकि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर पुलिस तैनात कर दी है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, पिथौरागढ़ जिले में गौरीगंगा नदी का जलस्तर खतरे का निशान पार कर गया है जबकि उधमसिंह नगर जिले में फीका बैराज में पानी का स्तर अधिकतम बाढ़ स्तर से उपर चला गया है।

पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी और बंगापानी में गौरी गंगा नदी के खतरे के निशान से उपर बहने और उधमसिंह नगर जिले के जसपुर में फीका बैराज के अधिकतम जलस्तर पार करने के मद्देनजर संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों को इस पर लगातार निगरानी रखने तथा पर्याप्त सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं।

वहीं, चमोली जिले में भी भारी बारिश के चलते नदियां पूरे उफान पर हैं। जिले के थराली क्षेत्र में पिंडर और उसकी सहायक नदी प्राणमति का जल स्तर फिर बढ़ गया है जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बन गयी है।

थराली नगर में तेरह अगस्त से जारी भारी बारिश के बाद प्राणमति के उफान पर आने से तटवर्ती इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं।

सोल घाटी से प्रवाहित होने वाली प्राणमति नदी में पिछले सप्ताह भी भारी बारिश के बाद पानी और मलबे का वेग इतना बढ़ गया था कि इसने कुछ देर के लिए पिंडर नदी के बहाव को रोक दिया और प्राणमति तथा पिंडर के संगम पर झील बन गई थी।

थराली के मुख्य बाजार से पहले पड़ने वाले निचले इलाके में नदी का पानी भर गया था जो बाद में निकल गया लेकिन वहां बना मंदिर, खेत तथा अन्य स्थान मलबे, रेत और बोल्डर से पट गए। हालांकि, 13 अगस्त को बने बाढ़ जैसे हालात के मद्देनजर तट के आसपास स्थित मकानों को खाली किया जा चुका था जिसके कारण कोई हताहत नहीं हुआ।

बारिश के चलते भूस्खलन होने के कारण सड़कों के खुलने और बंद होने का सिलसिला जारी है। चमोली में छिनका, मैठाणा, नन्दप्रयाग, पागलनाला व बेलाकुची जैसे अनेक स्थानों पर भूस्खलन के कारण ऋषिकेश—बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया था। पागलनाला के अतिरिक्त अन्य जगहों पर मलबा साफ कर दिया गया है। ऋषिकेश—चंबा—धरासू राष्ट्रीय राजमार्ग टिहरी में बगड़धार के पास पहाड़ से मलबा आने के कारण यातायात हेतु अवरूद्ध है।

पौड़ी में कोटद्वार—दुगड्डा राष्टीय राजमार्ग आमसौड़ में बड़े वाहनों के लिए अवरूद्ध है लेकिन छोटे वाहनों को वहां से गुजारा जा रहा है। उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर में ढेला नदी के उपर बना पुल क्षतिग्रस्त होने से राष्ट्रीय राजमार्ग 74 बंद है।

मौसम विभाग ने अपने ताजा पूर्वानुमान में प्रदेश के आठ जिलों— टिहरी, देहरादून, पौड़ी, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, उधमसिंह नगर और हरिद्वार में बुधवार के लिए बारिश का रेड अलर्ट तथा उत्तरकाशी, चमोली, रूद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा में ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए कहीं—कहीं बहुत भारी से अत्यंत भारी बारिश होने की आशंका जताई।

बृहस्पतिवार के लिए भी मौसम विभाग ने टिहरी, देहरादून, पौड़ी, बागेश्वर, चंपावत, उधमसिंह नगर, नैनीताल तथा हरिद्वार में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

बुधवार को रेड अलर्ट वाले जिलों में कक्षा एक से 12 तक स्कूल बंद रखे गए। चमोली जिले के दशोली और नंदानगर विकासखंड के सभी विद्यालय भी बुधवार को बंद रहे। उधमसिंह नगर और चमोली जिले में बृहस्पतिवार को भी स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की गयी है।

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