नयी दिल्ली, 12 अप्रैल रेलवे ने एक आदेश जारी कर अपने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि अगर उन्हें पृथकवास में रखने की आवश्यकता हुयी तो वे अपने स्थान पर काम करने के लिए एक "लिंक अधिकारी" को नामित करें।
रेलवे का यह कदम सुनिश्चित करने के लिए है कि उन अधिकारियों की अनुपस्थिति में राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर का कामकाज बाधित नहीं हो।
सूत्रों ने कहा कि सरकार द्वारा जारी निर्देशों के बाद यह फैसला किया गया है। सरकार ने सभी संयुक्त सचिव या समकक्ष और इससे ऊपरी रैंक के अधिकारियों को 14 अप्रैल से कार्यालय फिर से आने को कहा गया है ताकि आम जनता में विश्वास बहाल हो सके।
कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान, कई वरिष्ठ अधिकारी कार्यालय आते रहे हैं, लेकिन कुछ ने घर से काम करने का विकल्प चुना है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव लॉकडाउन अवधि के दौरान वीडियो-कॉन्फ्रेंस के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नियमित रूप से बैठकें करते रहे हैं।
इन बैठकों में पार्सल गाड़ियों को चलाने, रेलवे इकाइयों में चिकित्सा उपकरण तैयार करने , रेल डिब्बों को पृथकवास वार्ड में बदलने जैसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
रेलवे बोर्ड के एक आदेश में कहा गया है, "यह तय किया गया है कि सभी मुख्य कार्यकारी निदेशक (पीईडी) , कार्यकारी निदेशक (ईडी), संयुक्त सचिव और निदेशक अपने लिंक / ड्यूटी अधिकारियों को नामित कर सकते हैं।"
इसमें कहा गया है कि इसे "सक्षम प्राधिकारी" द्वारा अनुमोदित किया जाएगा। साथ ही यह भी कहा गया है कि लिंक अधिकारी के सभी विवरण 13 अप्रैल को सुबह 11 बजे तक रेलवे बोर्ड को उपलब्ध करा दिए जाएं।
सूत्रों ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने मंत्रिपरिषद के सदस्यों से कहा कि वे मंगलवार से फिर से कार्यालय आना शुरू करें।
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