राहुल गांधी की सजा 'अत्यधिक' सख्त, केंद्र को बड़ा दिल दिखाना चाहिए था: प्रशांत किशोर

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा को 'अत्यधिक' बताया और सत्तारूढ़ दल से कांग्रेस नेता की सदस्यता के संबंध में "बड़ा दिल" दिखाने का आग्रह किया. किशोर इन दिनों "जन सुराज" अभियान के तहत अपने गृह प्रदेश बिहार का दौरा कर रहे हैं.

प्रशांत किशोर (Photo: PTI)

पटना, 25 मार्च : राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा को 'अत्यधिक' बताया और सत्तारूढ़ दल से कांग्रेस नेता की सदस्यता के संबंध में "बड़ा दिल" दिखाने का आग्रह किया. किशोर इन दिनों "जन सुराज" अभियान के तहत अपने गृह प्रदेश बिहार का दौरा कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस यह संदेश जनता तक पहुंचाने के लिए अच्छी तरह से तैयार नहीं दिख रही है कि उसके साथ अन्याय हुआ है. किशोर ने कहा, ‘‘मैं कोई कानून का विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन कानूनी प्रक्रिया के प्रति सम्मान के साथ, राहुल गांधी को दी गई सजा अत्यधिक प्रतीत होती है. चुनाव के समय में, लोग तरह-तरह की टिप्पणी करते हैं.

यह पहला उदाहरण नहीं था और न ही यह कोई अंतिम उदाहरण होने वाला है.’’ किशोर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों के साथ काम कर चुके हैं. उन्होंने कहा, "मानहानि का मामला ... उसके लिए दो साल की जेल अत्यधिक प्रतीत होती है. मैं केंद्र की सरकार को अटल बिहारी वाजपेयी की एक प्रसिद्ध पंक्ति की याद दिलाना चाहता हूं कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं बन जाता.’’ यह भी पढ़ें : राहुल की सजा ‘अत्यधिक’ सख्त, केंद्र को बड़ा दिल दिखाना चाहिए था : प्रशांत किशोर

किशोर ने कहा, "सत्तारूढ़ दल तकनीकी बातों की आड़ ले सकता है और जोर दे सकता है कि दोषसिद्धि को देखते हुए राहुल गांधी की अयोग्यता अपरिहार्य थी. इसके बाद भी मैं कहूंगा कि उन्हें अपने सम्मानित नेता दिवंगत वाजपेयी का अनुसरण करना चाहिए था और राहुल गांधी को अयोग्य ठहराने के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी." उन्होंने कहा, "वे (भाजपा) आज सत्ता में हैं. बड़ा दिल दिखाने की जिम्मेदारी उनकी थी. उन्हें कुछ दिनों तक इंतजार करना चाहिए था और पीड़ित पक्ष को अपील का मौका देना चाहिए था और कोई राहत नहीं मिलने पर कार्रवाई करते.’

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