Rahul Gandhi Disqualification Case: कश्मीरी नेताओं ने केंद्र सरकार की आलोचना की

श्रीनगर, 24 मार्च : कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ शुक्रवार को यहां मौन प्रदर्शन किया और इसे भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की ''प्रतिशोध की राजनीति'' करार दिया. कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष विकार रसूल वानी और बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने नेता को अयोग्य ठहराए जाने की कार्रवाई की निंदा करने के लिए काली पट्टी और मास्क पहनकर पार्टी मुख्यालय के बाहर जम्मू के शहीदी चौक पर विरोध-प्रदर्शन किया. विकार रसूल वानी ने कहा, ‘‘उन्होंने निडर होकर आम आदमी, खासकर गरीबों, युवाओं और महिलाओं की आवाज उठाई और उन लोगों के खिलाफ आवाज उठाई, जो करदाताओं का पैसा लूट रहे हैं. ’’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी को सच बोलने और आम आदमी की आवाज उठाने के लिए दंडित किया जा रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जी ए मीर ने कहा कि लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता मोदी सरकार द्वारा सत्ता का घोर दुरुपयोग है, क्योंकि वह उनसे राजनीतिक रूप से नहीं लड़ सकती है. जी ए मीर ने कहा, ‘‘भारत ने ऐसी प्रतिशोध की राजनीति और तानाशाही शासन कभी नहीं देखा है. ’’ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि राहुल गांधी की लोकसभा से अयोग्यता ने हाल ही में लंदन में व्यक्त की गई उनकी आशंकाओं को सही साबित कर दिया है. यह भी पढ़ें : Odisha COVID-19: ओडिशा में कोविड के 17 नए मामले सामने आए, कुल संख्या बढ़कर 73 हुई

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘‘वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले एक शक्तिशाली चुनौती के रूप में उभरने के लिए केंद्र सरकार द्वारा राहुल गांधी को स्पष्ट रूप से परेशान किया गया है. चूंकि, भाजपा उनसे राजनीतिक रूप से नहीं लड़ सकती, इसलिए वे अब संस्थानों को तोड़ रहे हैं, क्योंकि उन्होंने सावरकर का नाम लेने से इनकार कर दिया है. लंदन में उन्होंने (राहुल गांधी ने) जो आशंकाएं व्यक्त कीं, वे दुखद रूप से सही साबित हो रही हैं.’’ राहुल गांधी की अयोग्यता पर टिप्पणी करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता मोहम्मद युसुफ तारिगामी ने कहा कि केंद्र सरकार अपने फायदे के लिए देश में सभी संस्थानों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है. तारिगामी ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमारे देश का लोकतंत्र इस कदर गिरेगा. लंबे समय से सरकार संसद और अन्य संस्थानों को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रही है.’’