नयी दिल्ली, 21 जुलाई लगातार तीन दिनों तक राज्यसभा की कार्यवाही बाधित रहने के बाद बृहस्पतिवार को प्रश्नकाल हुआ हालांकि इस दौरान भी विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्ष का हंगामा जारी रहा।
राज्यसभा में प्रश्नकाल दोपहर 12 बजे शुरू होता है जिसमें सदस्य पूरक सवाल पूछते हैं और संबंधित मंत्री उनके जवाब देते हैं। प्रश्नकाल में मौखिक उत्तरों के लिए 15 प्रश्न सूचीबद्ध होते हैं और आज 13 सवाल लिए गए।
प्रश्नकाल से पहले करीब एक घंटे तक उच्च सदन की कार्यवाही स्थगित रही क्योंकि विपक्षी सदस्य महंगाई और माल और सेवा कर (जीएसटी) जैसे मुद्दों को लेकर हंगामा कर रहे थे। हंगामे के कारण प्रश्नकाल के दौरान भी कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित रही।
मानसून सत्र के पहले तीन दिन कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित रही। विपक्षी सदस्य महंगाई, जीएसटी और अग्निपथ रक्षा भर्ती योजना आदि मुद्दों को लेकर विरोध कर रहे हैं।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी उच्च सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और वे आसन के बिल्कुल नजदीक आकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। कई सदस्यों के हाथों में तख्तियां थी। कुछ सदस्य महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे थे।
उपसभापति हरिवंश ने सदस्यों से सदन में तख्तियां नहीं दिखाने की अपील करते हुए कहा कि यह संसदीय नियमों और गरिमा के अनुरूप नहीं है। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि यह समय प्रश्नकाल का है और इस दौरान किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दी जा सकती।
हरिवंश ने सदस्यों से प्रश्नकाल सुचारू रूप से चलने देने की अपील की और कहा कि यह समय सभी सदस्यों का है। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल की तैयारी में काफी मेहनत करनी होती है और इससे हंगामा कर रहे सदस्य भी अवगत हैं।
हालांकि, उनकी अपील का हंगामा कर रहे सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ और सदन में शोरगुल को देखते हुए उपसभापति ने करीब 12:25 बजे 10 मिनट के लिए बैठक स्थगित कर दी।
दो बार के स्थगन के बाद बैठक फिर शुरू होने पर सदन में हंगामा जारी रहा। इस दौरान उपसभापति ने शिवसेना सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी को मोबाइल फोन से सदन की तस्वीरें खींचने से मना किया और कहा कि यहां की तस्वीरें खींचना या वीडियो बनाना उच्च सदन के नियमों के खिलाफ है। उन्होंने सदस्य विशेष के लिए निर्धारित स्थान को छोड़कर अन्य सीटों पर बैठे कई सदस्यों से उनकी नियत सीट पर बैठने की भी अपील की।
हंगामे के बीच ही द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सदस्य तिरूचि शिवा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाना चाहा लेकिन उपसभापति ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान व्यवस्था का प्रश्न उठाने का कोई प्रावधान नहीं है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी कहा कि प्रश्नकाल में व्यवस्था का प्रश्न उठाने की अनुमति नहीं होती।
हंगामे के बीच ही उपसभापति ने प्रश्नकाल चलाया। कई सदस्यों ने अपने-अपने पूरक सवाल किए और संबंधित मंत्रालयों के मंत्रियों ने उनके जवाब भी दिए।
दोपहर एक बजे प्रश्नकाल पूरा होने पर उपसभापति हरिवंश ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। आम तौर पर जरूरी दस्तावेज सुबह बैठक शुरू होते ही रखे जाते हैं लेकिन आज हंगामे की वजह से सुबह दस्तावेज नहीं रखे जा सके थे।
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