विदेश की खबरें | महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन: अब आगे क्या?
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

(अदिति खन्ना)

लंदन, नौ सितंबर ब्रिटेन में आधिकारिक हलकों में महारानी के निधन को ‘ऑपरेशन लंदन ब्रिज’ के नाम से जाना जाता है। यह एक तरह का ‘प्रोटोकॉल’ है, जिसे बकिंघम पैलेस के बृहस्पतिवार को 96 वर्षीय महारानी के निधन की घोषणा के बाद लागू किया गया।

इसके साथ ही ‘ऑपरेशन स्प्रिंग टाइड’ भी लागू हुआ, जिसके तहत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के बेटे व उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स को 73 साल की उम्र में ‘महाराज चार्ल्स तृतीय’ के रूप में देश की राजगद्दी पर विराजमान हुए।

‘लंदन ब्रिज इज़ डाउन’ एक ‘कोड वर्ड’ है, जिसके जरिए जिससे महारानी के निजी सचिव द्वारा महारानी की मृत्यु के बारे में प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस को सूचित किया गया होगा।

‘फॉरेन, कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस’ (एफसीडीओ) का ‘ग्लोबल रिस्पांस सेंटर’ ब्रिटेन के बाहर की उन 15 सरकारों, जहां महारानी राष्ट्र की प्रमुख हैं और अन्य 38 राष्ट्रमंडल देशों को समाचार भेजने का प्रभारी है।

शाही परिवार अंतिम संस्कार के लिए आधिकारिक कार्यक्रम को जल्द जारी करेगा। बृहस्पतिवार को उनके निधन के 10 दिन बाद उनका अंतिम संस्कार किए जाने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री ट्रस के नए राजा से मिलने के बाद राष्ट्रीय शोक की घोषणा की जाएगी।

किंग चार्ल्स तृतीय राष्ट्र को संबोधित करेंगे। लंदन में सेंट पॉल कैथेड्रल में प्रधानमंत्री और मंत्रियों के लिए एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।

आने वाले दिनों में क्या होगा, इसके बारे में कोई आधिकारिक विवरण जारी नहीं किया गया है। हालांकि, महारानी का पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किए जाने की उम्मीद है। जनता के श्रद्धांजलि देने के वास्ते उनके पार्थिव शरीर को सार्वजनिक दर्शन के लिए रखे जाने की भी उम्मीद है। किंग चार्ल्स तृतीय आने वाले दिनों में अंतिम योजनाओं पर हस्ताक्षर करेंगे।

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