जरुरी जानकारी | पुरुषोत्तम रूपाला ने उत्तर प्रदेश में नदी में मछली बीज पालन कार्यक्रम की शुरुआत की

नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर मत्स्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने देश में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के तहत शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के गढ़ मुक्तेश्वर के बृजघाट में नदियों में मछली की प्राकृतिक रूप से आबादी बढ़ाने के लिए मत्स्य बीज पालन कार्यक्रम की शुरुआत की।

चार अन्य राज्यों - उत्तराखंड, ओडिशा, त्रिपुरा और छत्तीसगढ़ - ने भी नदियों में मछली की प्राकृतिक रूप से आबादी बढ़ाने के लिए मत्स्य बीज पालन कार्यक्रम के राष्ट्रव्यापी शुभारंभ में भाग लिया।

भूमि और पानी के विस्तार, गहनता, विविधीकरण और उत्पादक उपयोग के माध्यम से मछली उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए कार्यक्रम को पीएमएमएसवाई (प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना) के तहत विशेष गतिविधि के रूप में पेश किया गया है।

राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी), हैदराबाद को देश भर में नदी में प्राकृतिक मछली बीज पालन कार्यक्रम को लागू करने के लिए पीएमएमएसवाई के केंद्रीय क्षेत्र के घटक के तहत नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।

एक सरकारी बयान के अनुसार, उत्तर प्रदेश में, बृजघाट, गढ़ मुक्तेश्वर, तिगरी, मेरठ और बिजनौर में तीन लाख शैशवावस्था वाली मछलियों (फिंगरलिंग्स) की खेती की गई, जबकि उत्तराखंड में हरिद्वार में गंगा नदी के चंडी घाट पर कुल एक लाख फिंगरलिंग्स का प्राकृतिक रूप से जनसंख्या विस्तार किया गया।

बयान में कहा गया है, "एनएफडीबी ने पीएमएमएसवाई की कार्य योजना 2020-21 के तहत, राज्यों को 97.16 लाख मछलियों के प्राकृतिक रूप से जनसंख्या विस्तार के लिए कुल 2.81 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है।"

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)