चंडीगढ़, 25 अक्टूबर पंजाब में रविवार को विभिन्न स्थानों पर किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले जलाये।
प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को ‘काला कानून’ बताया और भाजपा नीत राजग सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने इन कानूनों को वापस लेने की मांग की। अमृतसर में किसानों ने किसान मजदूर संघर्ष सिमति के तत्वावधान में मोदी का पुतला जलाया।
भारतीय किसान यूनियन (दाकुंडा) के महासचिव जगमोहन सिंह ने बताया कि राज्य में कई स्थानों पर किसानों ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के पुतले फूंके। जम्हूरी किसान सभा के महासचिव कुलवंत सिंह संधू ने बताया कि उनके संगठन ने जालंधर के फिल्लौर और आदमपुर में पुतले जलाये।
प्रदर्शनकारी किसानों ने केंद्र पर कुछ कॉरपोरेट घरानों के इशारे पर कृषि क्षेत्र को ‘बर्बाद’ करने का प्रयास करने का आरोप लगाया। किसानों ने वैसे तो रेल रोको’ आंदोलन में ढील दे दी है, लेकिन उन्होंने राज्य में ईंधन केंद्रों, टोल प्लाजा और भाजपा नेताओं के निवासों के बाद धरना जारी रखा।
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किसानों ने आशंका प्रकट की कि नये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था खत्म करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे और उन्हें बड़े कॉरपोरेट घरानों के ‘रहमोकरम’ पर छोड़ देंगे।
सरकार कह रही है कि हाल ही संसद से पारित कानूनों से उनकी आय बढ़ेगी, उन्हें बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी तथा कृषि में नयी प्रौद्योगिकी आएगी।
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