चंडीगढ़, 12 सितम्बर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्य में 1.41 करोड़ लाभार्थियों को रियायती दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए ‘‘स्मार्ट राशन कार्ड’’ योजना की शनिवार को शुरूआत की।
उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत शामिल नहीं हो पाये नौ लाख लाभार्थियों को रियायती दरों पर राशन प्रदान करने के लिए एक अलग राज्य वित्त पोषित योजना की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हें मिलाकार राज्य में अब लाभार्थियों की कुल संख्या 1.50 करोड़ हो जायेगी। उन्होंने कहा कि स्मार्ट राशन कार्ड योजना के शुरू होने से इसके तहत पात्र लाभार्थियों को इस महीने 37.5 लाख कार्ड वितरित किए जाएंगे।
सिंह ने कहा कि केन्द्र ने लाभार्थियों की अधिकतम संख्या सीमा 1.41 करोड़ तय की हुई है और कई बार अनुरोध किये जाने के बावजूद एनएफएसए के तहत शामिल नहीं किये गये पात्र नौ लाख लोगों को रियायती दरों पर राशन उपलब्ध कराने पर वह सहमत नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि इसलिए उनकी सरकार ने राज्य वित्त पोषित योजना के तहत इस तरह के पात्र लोगों को इसमें शामिल करने का फैसला किया है और इस योजना की विस्तृत जानकारी जल्द दी जायेगी।
स्मार्ट राशन कार्ड योजना की शुरूआत करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी और लाभार्थियों को किसी भी राशन डिपो से खरीदारी करने की आजादी मिलेगी।
उन्होंने कहा कि यह योजना लाभार्थी को पंजाब राज्य के किसी भी राशन डिपो से खाद्यान्न का अपना कोटा प्राप्त करने का अधिकार देती है।
सतलुज यमुना लिंक नहर का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब एक और समस्या का सामना कर रहा है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने हालांकि हाल में केन्द्रीय जन संसाधन मंत्री और हरियाणा के उनके समकक्ष के साथ बैठक की थी।
पिघलते ग्लेशियरों और राज्य में घटते भूजल स्तर की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने कहा कि स्थिति गंभीर है और राज्य अन्य राज्यों को कोई पानी देने का जोखिम नहीं उठा सकते।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)