जयपुर, 20 सितम्बर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि पूर्वी राजस्थान के लोगों को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिए।
गहलोत ने इस परियोजना को पूर्वी राजस्थान के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इसके कार्यान्वयन से वहां सर्वांगीण विकास होगा।
गहलोत दौसा, करौली, सवाई माधोपुर, भरतपुर एवं अलवर जिलों के 53 बांधों को ईआरसीपी से जोड़ने पर धन्यवाद ज्ञापित करने आए प्रतिनिधिमण्डल को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री निवास में आयोजित इस कार्यक्रम में कहा कि ईआरसीपी पूर्वी राजस्थान के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे 13 जिलों के निवासियों की सिंचाई एवं पेयजल की समस्या का स्थायी समाधान हो सकेगा।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार लगातार केन्द्र सरकार से मांग कर रही है कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया जाए और ऐसा नहीं होने पर राज्य सरकार स्वयं के खर्च पर इस परियोजना को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ईआरसीपी के लिए 14 हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किये।
उन्होंने कहा कि पूर्वी राजस्थान के जिलों के लोगों को एकजुट होकर केन्द्र सरकार पर ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का दबाव बनाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान ने सभी नागरिकों को समानता का अधिकार दिया है तथा कोई भी सरकार किसी भी आधार पर नागरिकों के साथ भेदभाव नहीं कर सकती। उन्होंने कहा ,‘‘लोकतंत्र में भय का स्थान नहीं है। राजस्थान से केन्द्र सरकार में 25 सांसद निर्वाचित हुए हैं। इन्हें ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की केन्द्र सरकार से मांग करनी चाहिए।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने बेहतरीन फैसलों से जनता को महंगाई से राहत प्रदान की है। उन्होंने कहा कि सरकार के कुशल आर्थिक प्रबंधन के कारण राजस्थान जीडीपी विकास दर के मामले में देश में दूसरे स्थान पर आ गया है।
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