मुंबई, अगस्त 29 देश के सार्वजनिक क्षेत्र का राष्ट्रीय आय में सिर्फ 20 प्रतिशत योगदान है, लेकिन कुल वेतन में यह क्षेत्र लगभग 40 प्रतिशत योगदान देता है।
घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की एक रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई।
इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में खत्म होने वाले दशक के दौरान सकल मूल्यवर्धन में सार्वजनिक क्षेत्र की औसत हिस्सेदारी 19.2 प्रतिशत रही, लेकिन वेतन में हिस्सेदारी 39.2 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर ये निष्कर्ष दिए गए हैं।
एजेंसी ने कहा कि जीवीए और मजदूरी में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी ‘‘अधिक समान रूप से संतुलित’’ है। इस क्षेत्र का मजदूरी में 35.2 प्रतिशत और जीवीए में 36.3 प्रतिशत योगदान है।
गौरतलब है कि जो विशेषज्ञ अर्थव्यवस्था में सरकार की कम भूमिका की वकालत करते हैं, वे अक्सर सार्वजनिक क्षेत्र में दक्षता की कमी का हवाला देते हैं।
एजेंसी ने रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2012-21 दौरान मौजूदा कीमतों पर मजदूरी 10.4 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ी, जबकि इस दौरान पूंजी पर प्रतिफल 8.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा।
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