देश की खबरें | असम समझौते का उपबंध छह लागू नहीं हो सकता : हेमंत विश्व सरमा

गुवाहाटी, 17 फरवरी असम के वरिष्ठ मंत्री हेमंत विश्व सरमा ने बुधवार को कहा कि सरकार असम समझौते के उपबंध-छह के बारे में केंद्रीय समिति की सिफारिशों को लागू नहीं कर सकती क्योंकि वे ‘‘कानूनी वास्तविकता से परे ’’ हैं।

सरकार की ओर से इस समिति की रिपोर्ट पर पहली बार कुछ कहा गया है। इस रिपोर्ट को पिछले साल 25 फरवरी को असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष पेश किया जाना था।

राजग की क्षेत्रीय शाखा पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन(एनईडीए) के संयोजक सरमा ने कहा, ‘‘समिति द्वारा दी गई सिफारिशें वास्तविकता से दूर हैं। हम उन्हें कैसे लागू कर सकते हैं?’’

उन्होंने अपनी पुस्तक ‘एटा सपोनार पोम खेड़ी (किसी सपने का पीछा करना)’ के लोकार्पण के मौके पर कहा कि सिफारिशें उच्चतम न्यायालय के कई फैसलों के विरूद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने आदेश दिया था कि आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता, लेकिन पैनल की रिपोर्ट में इससे अधिक का सुझाव दिया गया है।

भाजपा नेता ने कहा,‘‘समिति ने उच्चतम न्यायालय के फैसलों पर विचार क्यों नहीं किया? मुझे लगता है कि वे सिफारिशें नहीं थीं, बल्कि उनकी (पैनल की) उम्मीदें भी हैं।”

असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने 11 फरवरी को विधानसभा में कहा था कि राज्य अभी तक केंद्रीय गृह मंत्रालय की न्यायमूर्ति विप्लब कुमार सरमा के नेतृत्व वाली उच्चस्तरीय समिति (एचएलसी) द्वारा तैयार की गई उपबंध-छह रिपोर्ट की जांच कर रहा है और इसे विचार के लिए केंद्र सरकार के पास नहीं भेजा गया है।

असम समझौते के उपबंध-छह के अनुसार, असमिया लोगों की संस्कृति, सामाजिक, ई पहचान और विरासत की रक्षा, संरक्षण और संवर्धन के लिए संवैधानिक, विधायी और प्रशासनिक सुरक्षा उपाय प्रदान किए जाए।

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