अमीनी की मौत की घटना ने एक दशक से अधिक समय में ईरान के सबसे बड़े सरकार विरोधी आंदोलन को जन्म दिया है।
शिया इस्लाम में मौत के 40 दिन बाद शोक मनाने की परंपरा है।
अमीनी के गृहनगर साकेज में भीड़ उसकी कब्र पर जमा हुई। प्रदर्शनकारी चिल्ला रहे थे, ‘‘तानाशाह मुर्दाबाद।’’
सरकारी मीडिया ने घोषणा की है कि ईरान के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में स्कूल और विश्वविद्यालय बंद रहेंगे। इसके पीछे ‘इन्फ्लुएंजा का प्रकोप’ रोकने को कारण बताया गया है।
तेहरान में दुकानें बंद हो गयी थीं और दंगा नियंत्रण पुलिस हरकत में आ गयी।
देश में महिलाओं के सख्त ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने के मामले में अमीनी को हिरासत में लिया गया था।
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