देश की खबरें | बांग्लादेश की स्थिति को लेकर पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन, ढाकाई साड़ियों में आग लगाई गई

कोलकाता, आठ दिसंबर बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर कथित अत्याचार को लेकर रविवार को पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए।

कोलकाता, कांथी, काकद्वीप, संदेशखलि और पुरुलिया में हिंदुवादी समूहों द्वारा आयोजित विरोध रैलियों में सैकड़ों लोग शामिल हुए और हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई की मांग की गई।

कोलकाता के पास साल्ट लेक इंटरनेशनल बस टर्मिनल के बाहर प्रदर्शन में शामिल प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की ढाकाई जामदानी साड़ियों को आग लगा दी।

प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेशी सामानों के बहिष्कार का आह्वान किया तथा चेतावनी दी कि यदि तिरंगे का अपमान और हिंदुओं पर हमले जारी रहे तो भारतीय चुप नहीं बैठेंगे।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘हम बांग्लादेश में हिंदुओं को लगातार निशाना बनाए जाने और भारत के खिलाफ नफरत से प्रेरित बयानों की निंदा करते हैं। हम चुप नहीं बैठेंगे और जामदानी साड़ियों को जलाने के साथ ही हम लोगों से बांग्लादेशी उत्पादों का बहिष्कार करने का आग्रह करते हैं।’’

प्रदर्शन में शामिल एक शख्स ने कहा, ‘‘यह कैसा बांग्लादेश है? 1971 में आजादी के लिए लड़ने वाले लोग अब अपना ही इतिहास मिटा रहे हैं।’’ प्रदर्शनकारियों ने सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश के साथ कूटनीतिक रूप से बातचीत करने का आग्रह किया।

कांथी में विरोध रैली का नेतृत्व करते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश में बढ़ती कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ सनातनियों की एकजुटता है। उन्होंने कहा, ‘‘1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में 30,000 भारतीय सैनिकों की शहादत को पड़ोसी देश के इस्लामवादियों ने भुला दिया है। आज की रैली सीमा पार के तत्वों के लिए एक चेतावनी है कि वे भड़काऊ बयानबाजी बंद करें।’’

बांग्लादेशी समूहों द्वारा भारत विरोधी बयानों के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल और संयुक्त राष्ट्र के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सही समय पर उचित कदम उठाएगी।

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