लातूर, नौ सितंबर मराठा समुदाय को शैक्षिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों ने शनिवार को लातूर में विरोध प्रदर्शन किया और जन प्रतिनिधियों की सांकेतिक शव यात्रा निकाली।
पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप किया और प्रदर्शनकारियों से सांकेतिक शव यात्रा में इस्तेमताल की जाने वाली सामग्री छीनकर अपने कब्जे में ले ली। इसके बाद कुछ प्रदर्शनकारियों ने कागज और अन्य सामग्री जलाई।
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि मराठा समुदाय के निर्वाचित प्रतिनिधि निष्प्रभावी हैं और वे आरक्षण के लिए सरकार पर दबाव नहीं बना रहे हैं।
मराठा क्रांति मोर्चा के पदाधिकारी ने दावा किया कि स्कूल, कॉलेज और कोचिंग प्रबंधन से संस्थानों को बंद करने की अपील की गई थी जिसपर अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले कई लोगों ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को तुरंत समुदाय को आरक्षण देना चाहिए।
जालना जिले में एक सितंबर को आंदोलनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई के बाद मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग ने तूल पकड़ लिया है।
पुलिस ने अंतरवाली सारथी गांव में आरक्षण की मांग को लेकर अनशन पर बैठे एक व्यक्ति को अस्पताल भेजने की कोशिश की और विरोध करने पर लाठीचार्ज किया जिसके बाद वहां हिंसा भड़क गई। हिंसा में 40 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हुए थे, जबकि राज्य परिवहन की 15 बसों में आग लगा दी गई थी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)