ताजा खबरें | सूरत से कांग्रेस उम्मीदवार के प्रस्तावकों ने नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर की बात से इनकार किया

सूरत, 20 अप्रैल जिला चुनाव अधिकारी (डीईओ) ने शनिवार को गुजरात के सूरत लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भणी से जवाब मांगा, जिनके तीन प्रस्तावकों ने दावा किया है कि उन्होंने उनके नामांकन फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित इस राज्य में अधिकारी अमरेली से कांग्रेस उम्मीदवार जेनी थुम्मर और भावनगर से आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार उमेश मकवाना के नामांकन पत्रों पर मिली आपत्तियों पर भी फैसला करेंगे।

सूरत डीईओ सौरभ पारधी ने कुम्भणी को अपना जवाब देने के लिए रविवार सुबह 11 बजे तक का समय दिया है।

संयोग से, सूरत से ही कांग्रेस के स्थानापन्न उम्मीदवार सुरेश पडसाला के एकमात्र प्रस्तावक ने भी नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर करने की बात से इनकार कर दिया है, जिसके बाद गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया कि यह विपक्षी दल को चुनाव मैदान से बाहर करने के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक हरकत है।

शनिवार शाम को डीईओ के समक्ष पक्ष रखने के दौरान कुम्भणी और पडसाला ने अंतिम आदेश पारित किए जाने से पहले रविवार तक का समय मांगा।

कांग्रेस प्रवक्ता नैशाद देसाई ने कहा, “मुख्य उम्मीदवार (कुम्भणी) और स्थानापन्न प्रत्याशी (पडसाला) के प्रस्तावकों ने कागजात पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया है। अंतिम आदेश पारित होने से पहले हमें पूर्वाह्न 11 बजे तक का समय दिया गया है और पार्टी विस्तृत दलील पेश करेगी।”

कुम्भणी ने कहा कि उनके प्रस्तावक रमेश पोलारा, जगदीश सावलिया और धुविन धमेलिया से फिलहाल संपर्क नहीं हो पा रहा है, लेकिन उन्होंने विश्वास जताया कि वह जल्द ही उनसे संपर्क कर सकेंगे।

इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इटालिया ने आरोप लगाया कि कुम्भणी के प्रस्तावकों का भाजपा ने अपहरण कर लिया है।

इटालिया ने दावा किया, “उन पर दबाव डाला गया कि वे हलफनामा दायर करके यह दावा करें कि उन्होंने नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।”

इटालिया ने बताया कि उनके अपहरण की शिकायत पुलिस को दे दी गई है और डीईओ को भी इसकी जानकारी दे दी गई है।

कांग्रेस और आप गुजरात में गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने 26 में से 24 सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि ‘आप’ भावनगर और भरूच से चुनाव लड़ रही है।

गोहिल ने कहा कि पार्टी ने यह सुनिश्चित करने के लिए पूरा ध्यान रखा कि उसके उम्मीदवारों के नामांकन फॉर्म में कोई त्रुटि न हो।

गोहिल ने आरोप लगाया, "इसके बावजूद, भाजपा ने 14 स्थानों पर आपत्तियां जताईं। सूरत में, भाजपा को डर था कि कांग्रेस जीत जाएगी, इसलिए उन्होंने प्रस्तावकों पर दबाव डाला गया कि वे हलफनामा दायर करके यह दावा करें कि उन्होंने नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।”

उन्होंने कहा, "सभी चार प्रस्तावकों, तीन मुख्य उम्मीदवार और एक अन्य स्थानापन्न उम्मीदवार ने समान दावे किए हैं।"

उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी।

भावनगर से भाजपा उम्मीदवार निमुबेन बंभानिया ने दावा किया कि 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मकवाना द्वारा दायर हलफनामे में आय विवरण और उनके वर्तमान हलफनामे में दी गई जानकारी में विसंगति है।

बंभानिया ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता का भी पूरी तरह से खुलासा नहीं किया।

अमरेली में भाजपा के रावु खुमान ने आरोप लगाया कि थुम्मर ने अपने हलफनामे में अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा नहीं दिया है।

उन्होंने कहा, "हमने अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है और इस पर निर्णय लेना अधिकारी का काम है।"

अमरेली के डीईओ अजय दहिया ने कहा कि थुम्मर को स्पष्टीकरण देने के लिए शाम चार बजे तक का समय दिया गया था।

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