देश की खबरें | सशर्त बातचीत का प्रस्ताव स्वीकार नहीं, प्रदर्शन जारी रहेगा : किसान संगठनों ने कहा
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 29 नवंबर कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी की सीमा पर पिछले चार दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों के उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित मैदान में जाने के बाद बातचीत शुरू करने के केंद्र के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है।

उन्होंने रविवार को कहा कि वे अपना प्रदर्शन नहीं रोकेंगे और कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जारी रखेंगे।

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करीब 30 किसान संगठनों की रविवार को हुई बैठक के बाद उनके प्रतिनिधियों ने कहा कि वे बुराड़ी के मैदान में नहीं जाएंगे क्योंकि वह खुली जेल है। उन्होंने कहा कि वे बातचीत के लिए किसी शर्त को स्वीकार नहीं करेंगे और दिल्ली में प्रवेश के सभी पांच रास्तों को बाधित करेंगे।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुरजीत एस फूल ने कहा, ‘‘ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा रखी गई शर्त हमें स्वीकार नहीं है। हम कोई सशर्त बातचीत नहीं करेंगे। घेराव खत्म नहीं होगा। हम दिल्ली को जोड़ने वाले सभी पांच रास्तों का घेराव करेंगे।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘ बातचीत के लिए शर्त किसानों का अपमान है। हम कभी बुराड़ी नहीं जाएंगे। वह उद्यान नहीं है बल्कि खुली जेल है।’’

केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने आ रहे हजारों किसान एक और सर्द रात सड़कों पर बिताने के साथ राष्ट्रीय राजधानी के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर रविवार को लगातार चौथे दिन जमे रहे।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चाधोनी ने कहा, ‘‘हम उनके (सरकार) प्रस्ताव की शर्त को स्वीकार नहीं करेंगे। हम बातचीत करने को तैयार है लेकिन अभी कोई शर्त नहीं स्वीकार करेंगे।’’

क्रांतिकारी किसान यूनियन की पंजाब इकाई के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा, ‘‘सरकार ने शर्तों के साथ बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। बातचीत के लिए माहौल तैयार किया जाना चाहिए। अगर कोई शर्त रखी जाती है तो हम बात नहीं करेंगे।’’

उल्लेखनीय है केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से बुराड़ी मैदान में आकर प्रदर्शन करने की अपील की है और कहा कि वे जैसे ही निर्धारित स्थान पर जाएंगे, उसी समय केंद्र वार्ता को तैयार है।

शाह ने कहा कि किसानों के प्रतिनिधिमंडल को चर्चा के लिए तीन दिसंबर को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ किसान संगठनों ने तत्काल वार्ता करने की मांग की है और केंद्र बुराड़ी के मैदान में किसानों के स्थानांतरित होते ही वार्ता को तैयार है।

विभिन्न किसान संगठन, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे हैं। समिति के एक प्रतिनिधि ने कहा, ‘‘अगर सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करने को गंभीर है तो उसे शर्ते नहीं रखनी चाहिए...।’’

भारतीय किसान एकताग्रह के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने कहा, ‘‘हम सीमा पर बैठे हैं। हमारी मांग है कि सरकार कृषि कानून को वापस ले और हम इससे कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।’’

भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बीच किसान सीमा पर सरकार के खिलाफ नारे लगा कर अपना विरोध जता रहे हैं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (डीएसजीएमसी) प्रदर्शन कर रहे किसानों को भोजन मुहैया करा रही है।

इस बीच, जो किसान शनिवार को प्रशासन द्वारा निर्धारित प्रदर्शन स्थल बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में पहुंचे, वे भी प्रदर्शन कर रहे हैं।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी शाह के प्रस्ताव पर कहा कि किसानों से जितनी जल्दी बातचीत होगी, उतना ही वह कृषि समुदाय और दिश के हित में होगा।

सिंह ने शनिवार को किसानों से आह्वान किया था कि वे केंद्र की अपील स्वीकार करे और प्रदर्शन के लिए निर्धारित स्थान पर चले जाएं।

वहीं, किसान लंबे आंदोलन के इरादे के साथ आए हैं। उनके वाहनों में राशन, खाना बनाने के बर्तन और ठंड से बचने के लिए कंबल हैं। यहां तक कि मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए वाहनों में व्यवस्था है।

दिल्ली पुलिस उपायुक्त (बाहरी उत्तर) गौरव शर्मा ने कहा कि वे किसानों के लिए खाने-पीने और अन्य जरूरी सामान ले जाने वाले वाहनों को अनुमति दे रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘बुराड़ी डीडीए मैदान को पहले ही प्रदर्शन स्थल के रूप में चिह्नित किया गया है और जब वे (प्रदर्शनकारी) वहां जाएंगे तो उन्हें जाने की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी।’’

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को अवरोध तोड़कर दिल्ली की सीमा में दाखिल होने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा कर्मियों के साथ झड़प हो गई थी और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन द्वारा आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार की गई थी।

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