मुंबई, 11 जुलाई स्थानीय शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को उतार-चढ़ाव के बीच बीएसई सेंसेक्स 27 अंक के मामूली नुकसान में रहा। निवेशकों ने कंपनियों के जून तिमाही के नतीजों से पहले प्रमुख कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसूली की।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 27.43 अंक यानी 0.03 प्रतिशत की गिरावट के साथ 79,897.34 अंक पर बंद हुआ।
शुरुआती कारोबार में इसमें अच्छी तेजी थी और यह 245.32 अंक चढ़कर दिन के उच्चतम स्तर 80,170.09 अंक तक चला गया था। लेकिन बाद में प्रमुख कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से यह नीचे आया और एक समय 460.39 अंक तक लुढ़क गया।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 8.50 अंक यानी 0.03 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 24,315.95 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह ऊंचे में 24,402.65 अंक तक गया और नीचे में 24,193.75 अंक तक आया।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘दोनों मानक सूचकांक में कारोबार सीमित दायरे में रहा। कंपनियों के पहली तिमाही के वित्तीय परिणामों से पहले बाजार शेयरों के उच्च मूल्यांकन को युक्तिसंगत ठहराने को संघर्ष करता दिख रहा है। कंपनियों के तिमाही परिणाम कुछ हल्का रहने का अनुमान है।’’
सेंसेक्स के शेयरों में बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, सन फार्मा, नेस्ले, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, अल्ट्राटेक सीमेंट और लार्सन एंड टुब्रो प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
लाभ में रहने वाले शेयरों में आईटीसी, टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स और टाइटन शामिल हैं।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का शेयर कंपनी के नतीजों से पहले 0.33 प्रतिशत चढ़ा। कंपनी ने बाजार बंद होने के बाद परिणाम जारी किया। कंपनी का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 8.7 प्रतिशत बढ़कर 12,040 करोड़ रुपये रहा है। इस दौरान आय 5.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 62,613 करोड़ रुपये रही है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘स्थिर शुरुआत के बाद निफ्टी एक दायरे में रहा और अंत में 24,315.95 अंक पर बंद हुआ। इस बीच, क्षेत्रवार स्तर पर मिले-जुले रुख से निवेशक सक्रिय दिखे। इसके तहत जहां दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली (एफएमसीजी) कंपनियों के शेयर लाभ में रहे वहीं रियल्टी तथा फार्मा कंपनियों के शेयर नुकसान में रहे।
छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रतिनिधित्व करने वाला बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.57 प्रतिशत चढ़ा, जबकि मझोली कंपनियां से जुड़ा मिडकैप सूचकांक 0.34 प्रतिशत के लाभ में रहा।
विश्लेषकों के अनुसार, स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों में हल्की तेजी रही। इसका कारण एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) प्रवाह में बदलाव और बजट को लेकर उम्मीदें हैं।
नायर ने कहा, ‘‘निवेशकों की नजर अब अमेरिकी में जारी होने वाले मुद्रास्फीति के आंकड़े पर है। ऐसा अनुमान है कि महंगाई दर कुछ नरम रहेगी। इससे केंद्रीय बैंक अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर निर्णय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।’’
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी कारोबार के दौरान तेजी का रुख था। अमेरिकी बाजार बुधवार को उल्लेखनीय रूप से बढ़त में रहे थे।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 583.96 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.21 प्रतिशत की बढ़त के साथ 85.26 डॉलर प्रति बैरल रहा।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)