कोलकाता, 28 अक्टूबर बांग्लादेश के सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. हसन महमूद ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि 1971 के मुक्ति संग्राम का विरोध करने वाले पाकिस्तान समर्थक तत्व उनके देश में साम्प्रदायिक अशांति फैलाना चाहते हैं और कहा कि हाल ही में भारत के पड़ोसी देश में हुई साम्प्रदायिक हिंसा में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धर्मनिरपेक्षता ‘‘देश और उसके संविधान’’ के लिए मार्गदर्शक बनी रहेगी।
उन्होंने संविधान में धर्म को जगह देने के लिए पूर्व राष्ट्रपति जनरल हुसैन मोहम्म्द इरशाद को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रकृति शुरुआत में धर्मनिरपेक्ष थी।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘जिन लोगों ने हमारी आजादी, मुक्ति संग्राम का विरोध किया और जो पाकिस्तान के करीब हैं, वे हमारे देश के साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहते हैं।’’
महमूद ने बांग्लादेश में हाल में हुई हिंसा के बारे में भी बात की जहां कुछ जगहों पर हिन्दुओं को निशाना बनाया गया और दुर्गा पूजा पंडालों को तोड़ा-फोड़ा गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने हिंसा में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। बांग्लादेश में हिन्दू-मुसलमान में यकीन नहीं किया जाता। सबसे पहले हम बंगाली हैं और उसके बाद ही हम अपने धर्म के आधार पर जाने जाते हैं। दोषी वे लोग हैं जो देश में अराजकता फैलाना चाहते हैं। बीएनपी-जमात के कार्यकर्ता उन हमलों में शामिल थे।’’
मंत्री ने कहा कि इस साल पूजा के दौरान करीब 32,000 दुर्गा पूजा पंडाल बनाए गए थे, लेकिन तोड़-फोड़ कुछ ही पंडालों में हुई।
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