Wrestlers Row: प्रियंका गांधी ने धरना कर रहे पहलवानों का समर्थन किया, पूछा-दिल्ली पुलिस पर किसका दबाव

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे पहलवानों का समर्थन करते हुए बुधवार को सवाल किया कि आखिर दिल्ली पुलिस पर किसका दबाव है और क्या सरकार दोषियों को बचाना चाहती है. यह भी पढ़ें: Wrestlers Protest: प्रदर्शनकारी पहलवानों के समर्थन में मंगलवार को जंतर-मंतर जाएंगे भूपेंद्र हुड्डा

उन्होंने ट्वीट किया, “खिलाड़ी देश का मान होते हैं. देश उन पर गर्व क्यों करता है? क्योंकि तमाम मुश्किलों के बावजूद अथक मेहनत और बहुत कुछ सहकर जब वे पदक जीतते हैं, तो उनकी जीत में हमारी जीत होती है, देश मुस्कुरा उठता है.” प्रियंका ने कहा, “महिला खिलाड़ियों की जीत बाकियों से बड़ी होती है. वे देश की संसद के बगल की सड़क पर आंखों में आंसू लिए बैठी हैं. लंबे समय से जारी शोषण के खिलाफ उनकी शिकायत कोई नहीं सुन रहा.”

कांग्रेस महासचिव ने कहा, “मजबूत बाजुओं मगर भोले दिल की इन लड़कियों ने यकीन किया, जब इनसे सरकार ने कहा कि जांच होगी। मगर जांच नहीं हुई. सजा का प्रश्न ही नहीं उठा. क्या सरकार दोषियों को बचाना चाहती है.” उन्होंने सवाल किया, “किसका दबाव है दिल्ली पुलिस पर? क्यों इसी पुलिस द्वारा विपक्ष के नेताओं पर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में किसी लड़की का दर्द सुनने पर पूछताछ की जाती है, मगर देश का मान बढ़ाने वाली खिलाड़ियों की गुहार अनसुनी कर दी जाती है?”

प्रियंका ने कहा, “एक पार्टी और उसके नेताओं का घमंड जब आसमान चढ़ जाता है, तब ऐसे ही आवाजों को कुचला जाता है. आइए अपनी इन बहनों का साथ दें। यह देश के मान की बात है.”

देश के कई जाननेमाने पहलवान पिछले कुछ दिनों से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं, जिनमें शीर्ष महिला पहलवान भी शामिल हैं. पहलवानों ने कहा है कि यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी होने पर ही वे धरना स्थल से हटेंगे.

बृजभूषण शरण सिंह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद हैं. पहलवानों ने आरोपों की जांच करने वाली समिति के निष्कर्षों को सार्वजनिक करने की भी मांग की है। उल्लेखनीय है कि जनवरी में पहलवानों द्वारा जंतर-मंतर पर तीन दिनों तक धरना दिए जाने के बाद खेल मंत्रालय ने यह समिति गठित की थी.

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