नयी दिल्ली, 21 मई कांग्रेस ने बिहार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा के मद्देनजर मंगलवार को राज्य से जुड़े कुछ मुद्दों को लेकर उन पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार की तक़दीर बदलने का वादा किया था, लेकिन सिर्फ नीतीश कुमार का गठबंधन बदला है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह सवाल भी किया कि क्या प्रधानमंत्री अपनी विफलताओं के लिए माफी मांगेंगे?
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘निवर्तमान प्रधानमंत्री मोतिहारी चीनी मिल को फिर से चालू करवाने में क्यों विफल रहे? भाजपा सांसद के फंड से ख़रीदी गई एंबुलेंस शराब की तस्करी में क्यों पकड़ी गईं? 2015 में प्रधानमंत्री ने जिस 1.25 लाख करोड़ के पैकेज का वादा किया था उसका क्या हुआ?’’
उन्होंने कहा, ‘‘निवर्तमान प्रधानमंत्री ने 2014 के अपने चुनावी अभियान के दौरान यह वादा किया था कि उनकी सरकार मोतिहारी चीनी मिल को फिर से चालू करेगी। 10 साल हो गए हैं, यह वादा पूरा नहीं हुआ है।’’
रमेश ने सवाल किया, ‘‘भाजपा मोतिहारी की जनता को कब तक धोखा देगी? क्या निवर्तमान प्रधानमंत्री 4 जून को पद छोड़ने से पहले अपनी विफलताओं के लिए माफी मांगेंगे?
उन्होंने दावा किया कि 2019 में सारण के भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी ने सांसद निधि का इस्तेमाल करते हुए अपने निर्वाचन क्षेत्र में 60 एम्बुलेंस को मंजूरी दी थी, जिसकी बड़ी चर्चा हुई थी, लेकिन 2021 में जब कोरोना महामारी चरम पर थी तब ये एम्बुलेंस बेकार खड़ी पाई गईं थीं, जबकि आस-पास के अस्पतालों को इनकी भारी कमी का सामना करना पड़ रहा था।
रमेश ने सवाल किया, ‘‘क्या निवर्तमान प्रधानमंत्री हमें बता सकते हैं कि उनके सांसद क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं? बीजेपी और जद(यू) की सरकार ने इस मामले की जांच से इंकार क्यों कर दिया?’’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में 1.25 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि इस तथाकथित "परिवर्तनकारी" पैकेज पर कोई जानकारी नहीं दी गयी।
रमेश ने कटाक्ष किया, ‘‘ प्रधानमंत्री ने बिहार की "तस्वीर और तक़दीर" बदलने का वादा किया था। उनका वह वादा तो पूरा नहीं हुआ, लेकिन जो कुछ बदला है वह नीतीश कुमार का गठबंधन है। बिहार के युवा बेरोज़गारी से त्रस्त हैं और राज्य विकास के अधिकांश इंडिकेटर्स पर पिछड़ा हुआ है।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या निवर्तमान प्रधानमंत्री हमें बता सकते हैं कि बाकि बचे एक लाख करोड़ रुपए कहां गायब हो गए? क्या इस मामले में भी भारतीय जुमला पार्टी ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए यूं ही पैकेज का ढोल पीट दिया था?’’
हक
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