अहमदाबाद, 28 अप्रैल कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में राजस्थान के बांसवाड़ा में यह दावा करके अपने पद एवं संविधान की गरिमा को गिराया है कि विपक्षी दल लोगों की संपत्ति को घुसपैठियों और अधिक बच्चे पैदा करने वालों को वितरित करेगा।
सिंघवी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) धन, प्रतिशोध की राजनीति और सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग के जरिए लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है।
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य सिंघवी ने कहा, "पिछले 75 वर्षों में किसी भी प्रधानमंत्री ने 'मिथ्या प्रचार' के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है जिनका उन्होंने बांसवाड़ा में और उसके बाद कई बार उपयोग किया। आप 10 साल प्रधानमंत्री रहने के बाद राजनेता के स्तर पर पहुंच गए हैं लेकिन आप ऐसी बातें करके अपने पद और संविधान की गरिमा को कम कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "यह हिंदू-मुस्लिम दंगों की बात नहीं है, बल्कि चुनाव की बात है और जब उन्हें (भाजपा) पता चला कि इस तरह के विरासत कर को दो-तीन दशक पहले कांग्रेस सरकार ने समाप्त कर दिया था तो प्रधानमंत्री ने एक नया जुमला निकाला और कहा कि (पूर्व प्रधानमंत्री) राजीव गांधी ने इंदिरा गांधी की संपत्ति को विरासत में लेने के लिए ऐसा किया था।"
यह पूछे जाने पर कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर यह झूठ फैलाने का आरोप लगाया है कि भाजपा अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को समाप्त कर देगी, सिंघवी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि कम से कम भाजपा में कोई जवाबदेही, विषयांतर और 'मिथ्या प्रचार' की बात कर रहा है, काश उसी व्यक्ति ने कुछ हफ्ते पहले बांसवाड़ा और प्रधानमंत्री की अन्य चुनावी रैलियों में इन शब्दों के बारे में बात की होती।
उन्होंने कहा कि इस लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान में प्रधानमंत्री के बयानों की पिछले 75 वर्षों में कोई तुलना नहीं है लेकिन ये सभी प्रयास निश्चित रूप से विफल होंगे जो भाजपा की हताशा को दर्शाते हैं।
सिंघवी ने प्रधानमंत्री के बयान के खिलाफ कांग्रेस की शिकायत पर भाजपा अध्यक्ष को नोटिस भेजने पर निर्वाचन आयोग की भी आलोचना की।
कांग्रेस नेता ने सवाल किया, "यह एक व्यक्ति के खिलाफ शिकायत है। किसी अन्य व्यक्ति को नोटिस देने का क्या मतलब है।"
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा में नेताओं को लुभाने के लिए ‘विटामिन एम’ (धन का स्पष्ट संदर्भ) का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने सूरत लोकसभा चुनाव (जहां भाजपा उम्मीदवार ने निर्विरोध जीत दर्ज की), चंडीगढ़ महापौर चुनाव और हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव में हुई घटनाओं का हवाला दिया।
सिंघवी ने कहा, "आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भाजपा के लगभग एक-चौथाई उम्मीदवार अन्य दलों से हैं। भाजपा द्वारा घोषित 417 उम्मीदवारों में से 116 दलबदलू हैं। निस्संदेह उनमें से ज्यादातर कांग्रेस से हैं।"
उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दलों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और उनके द्वारा दर्ज 99.5 प्रतिशत राजनीतिक मामले विपक्षी दलों के सदस्यों के खिलाफ हैं।
कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए कहा, "भाजपा के पास 'वॉशिंग मशीन' है। अगर कोई आरोपी उस पार्टी में शामिल होता है तो उसे 'क्लीन चिट' मिल जाती है।"
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