देश की खबरें | मणिपुर के लिए प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार जिम्मेदार, गृह मंत्री को बर्खास्त किया जाए: कांग्रेस

नयी दिल्ली, 11 सितंबर कांग्रेस ने मणिपुर में हिंसा के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त किया जाना चाहिए क्योंकि ‘‘वह पूरी तरह से विफल रहे हैं।’’

पार्टी प्रवक्ता और सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को दुनिया के अलग अलग देशों का दौरा किया, लेकिन उन्हें मणिपुर जाने का समय नहीं मिला।

इनर मणिपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद विमल अकॉयजोम कहा कि मणिपुर की स्थिति को उस तरह से नहीं देखा जाना चाहिए जैसे यूरोपीय देशों ने रवांडा में हिंसा के समय देखा था।

मणिपुर सरकार ने छात्रों के उग्र आंदोलन के बीच मंगलवार को पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा पांच दिन के लिए निलंबित कर दी।

इस महीने की शुरुआत में मणिपुर में हिंसा का नया दौर शुरू हो गया। पिछले साल मई में शुरू हुई हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘16 महीने हो गए और मणिपुर जल रहा है। हिंसाग्रस्त प्रदेश में आगजनी, हत्याएं, लूट हो रही हैं। पिछले 10 दिन में 11-12 लोगों की मौत हो चुकी है...लेकिन इस देश के प्रधानमंत्री के पास समय नहीं है कि वो मणिपुर चले जाएं।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मणिपुर में अब एक नया खेल शुरू हुआ है। मणिपुर के मुख्यमंत्री जो अभी तक दिल्ली की कठपुतली बने थे, वह अब मणिपुर के लिए आवाज उठाने का स्वांग रच रहे हैं। सच यह है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री की नाक के नीचे मणिपुर जलता रहा और आप दिल्ली की कठपुतली बने रहे। स्वांग रचने से मुख्यमंत्री की असलियत नहीं छिपेगी।’’

सुप्रिया ने कहा, ‘‘मैं यह क्यों न कहूं कि प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय को लेकर एक जांच होनी चाहिए। मैं क्यों न कहूं कि गृह मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए। वह पूरी तरह से विफल हैं।’’

सांसद अकॉयजोम ने कहा, ‘‘मणिपुर में जो कुछ हो रहा है उसके लिए प्रधानमंत्री और उनकी पूरी कैबिनेट जिम्मेदारी है। मैं देश के लोगों को कहना चाहता हूं कि मणिपुर की स्थिति को उस तरह से नहीं देखा जाए, जैसे यूरोप ने रवांडा की हिंसा को देखा था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह समझ नहीं आता कि प्रधानमंत्री के मन में क्या चल रहा है...प्रधानमंत्री को निर्णायक ढंग से दखल देना चाहिए ताकि शांति की स्थापना हो सके।’’

हक

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