दुनिया की सबसे धनी लीग की मंगलवार को की गयी इस घोषणा से पता चलता है कि विश्व की सर्वोच्च फुटबॉल संस्था फीफा कोरोना वायरस से जुड़े पृथकवास और क्लबों की चिंताओं को नजरअंदाज करके आगामी सप्ताहों में अधिक से अधिक विश्व कप क्वालीफायर्स के आयोजन के लिये कितना अधिक विरोध झेल रही है।
स्पेनिश लीग ने भी कहा है कि यदि उसका कोई क्लब दक्षिण अमेरिकी टीमों के अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिये अपने खिलाड़ियों को छोड़ने से इन्कार करता है तो वह उसका समर्थन करेगा।
क्लबों को खिलाड़ियों को नहीं छोड़ने पर फीफा के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन लिवरपूल पहले ही मिस्र को कह चुका है कि वह अगले सप्ताह के मैच के लिये मोहम्मद सलाह को नहीं छोड़ेगा क्योंकि उन्हें इंग्लैंड लौटने पर 10 दिन के अनिवार्य पृथकवास पर रहना होगा।
प्रीमियर लीग के अन्य क्लबों ने भी लिवरपूल का समर्थन किया है। उन्होंने इस मामले में एकजुटता दिखाकर कोविड-19 को लेकर इंग्लैंड की लाल सूची में शामिल 26 देशों के 60 खिलाड़ियों को छोड़ने से इन्कार दिया। ये खिलाड़ी 19 क्लबों से जुड़े हैं।
दक्षिण अमेरिका के 10 देश इंग्लैंड की लाल सूची में शामिल हैं। लाल सूची में शामिल देशों से आने वाले व्यक्तियों को इंग्लैंड में 10 दिन तक अनिवार्य पृथकवास पर रहना पड़ता है।
इसका सबसे बुरा प्रभाव ब्राजील पर पड़ेगा जिसे गोलकीपर एलिसन (लिवरपूल), एडर्सन (मैनचेस्टर सिटी), कप्तान थियागो सिल्वा (चेल्सी), मिडफील्डर फ्रेड (मैनचेस्टर यूनाइटेड), फैबिन्हो (लिवरपूल) तथा फॉरवर्ड रॉबर्टो फ़िरमिनो (लिवरपूल), गेब्रियल जीसस (मैनचेस्टर सिटी) और रिचर्डसन (एवर्टन) के बिना खेलना पड़ेगा।
प्रीमियर लीग के मुख्य कार्यकारी रिचर्ड मास्टर्स ने कहा, ‘‘क्लब अनिच्छा से लेकिन इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि इन नयी परिस्थितियों में खिलाड़ियों को छोड़ना पूरी तरह से अनुचित होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पृथकवास पर रहने से खिलाड़ियों की फिटनेस प्रभावित होगी। हम अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर की वर्तमान चुनौतियों को समझते हैं और व्यावहारिक समाधान के पक्षधर हैं।’’
एपी
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