जयपुर, छह मई राजस्थान सरकार ने उपलब्धता की तुलना में अधिक मांग को देखते हुए एक बार फिर पूरे राज्य में चरणबद्ध तरीके से बिजली कटौती को लागू करने का फैसला किया है।
राज्य सरकार ने बिजली की बढ़ती मांग एवं घटती उपलब्धता को देखते हुए 28 अप्रैल से राज्य भर में विभिन्न समयावधि में बिजली कटौती शुरू की थी। हालांकि, एक मई से कटौती में कमी की गई थी लेकिन अब फिर से कटौती का फैसला किया गया है। आधिकारिक बयान के अनुसार आवश्यक सेवाओं को बिजली कटौती से पूरी तरह मुक्त रखा जाएगा।
राजस्थान डिस्कॉम के अध्यक्ष भास्कर ए. सावंत ने कहा कि राज्य सरकार और बिजली निगमों द्वारा उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली आपूर्ति के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रतिदिन बिजली की मांग, उपलब्धता और आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा कर यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि न्यूनतम बिजली कटौती की जाए।
सावंत ने कहा कि मांग में वृद्धि और बिजली की उपलब्धता में कमी के कारण संभागीय मुख्यालयों, जिला मुख्यालयों, नगरपालिका क्षेत्रों और 5000 से अधिक की आबादी वाले गांवों में 28 अप्रैल से निर्धारित समय के अनुसार बिजली कटौती लागू की गई थी। हालांकि, एक मई से कटौती के समय को कम किया गया। पांच मई को शाम चार बजे तक राज्य में बिजली की औसत मांग 11618 मेगावाट और औसत उपलब्धता 11558 मेगावाट तथा अधिकतम मांग लगभग 14503 मेगावाट रही।
उन्होंने कहा कि छह मई को राजस्थान की कुल औसत उपलब्धता 11062 मेगावाट और औसत मांग 11895 मेगावाट एवं अधिकतम मांग 14400 मेगावाट होने का अनुमान है।
बिजली की मांग उपलब्धता से अधिक होने की संभावना के मद्देनजर पूर्व में घोषित कार्यक्रम के अनुसार कटौती लागू होगी। उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं को बिजली कटौती से पूरी तरह मुक्त रखा जाएगा
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