मुंबई, 21 मई देश की अर्थव्यवस्था के वृद्धि के मार्ग पर बढ़ने के बीच चालू वित्त वर्ष में भर्तियां लगातार चल रही हैं और भारतीय कंपनियों का रूख नई भर्तियों को लेकर सकारात्मक बना हुआ है। शनिवार को जारी एक रिपोर्ट में यह कहा गया।
इस सर्वे में शामिल कम-से-कम 72 फीसदी संगठनों ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में नए पदों पर और भर्तियां की जाएंगी।
जीनियस कंसल्टेंट्स की ‘द हायरिंग, एट्रिशन ऐंड कम्पनसेशन ट्रेंड्स रिपोर्ट 2022-23’ में कहा गया कि 72 फीसदी कंपनियों का कहना है कि नए पदों पर भर्तियां की जाएंगी। वहीं 18 फीसदी कंपनियों ने कहा कि मौजूदा पदों पर वर्तमान कर्मचारियों की जगह नए कर्मियों की भर्ती (रिप्लेसमेंट हायरिंग) होगी।
रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनियां अपने कार्यबल को मजबूत करने के लिए आंतरिक समीक्षा कर रही हैं।
सर्वे में शामिल करीब 40 फीसदी कंपनियों ने कहा कि उनकी योजना कर्मचारियों की संख्या 10 से 15 फीसदी बढ़ाने की है जबकि 30 फीसदी ने कहा कि कम-से-कम 10 फीसदी नए कर्मचारियों को भर्ती किया जाएगा और करीब 15 फीसदी ने कहा कि कर्मचारियों की संख्या 10 फीसदी से अधिक बढ़ाई जाएगी। वहीं 20 फीसदी कंपनियों ने कहा कि शायद वे कोई नई भर्तियां न करें।
जीनियस कंसल्टेंट्स के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर पी यादव ने कहा, ‘‘भर्ती बाजार में मजबूती रहने वाली है क्योंकि कंपनियां अच्छे कर्मचारियों को लेना चाहती हैं।’’
रिपोर्ट में कहा गया कि वेतन वृद्धि का परिदृश्य भी सकारात्मक है और सर्वे में शामिल 33 फीसदी कंपनियों ने कहा कि वे वेतन में सात से दस फीसदी की वृद्धि करेंगी। वहीं 22 फीसदी कंपनियों ने कहा कि यह वृद्धि पांच से सात फीसदी के बीच होगी। इसके साथ 33.5 फीसदी कंपनियों ने कहा कि वेतन वृद्धि पांच फीसदी से कम रहेगी और केवल 11 फीसदी ने ही चालू वित्त वर्ष में कोई वेतन वृद्धि नहीं करने की बात कही है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ‘वर्क फ्रॉम होम’ का चलन अहम रहने वाला है क्योंकि ज्यादातर नियोक्ताओं और कर्मचारियों ने नए हाइब्रिड वर्किंग मॉडल को अपना लिया है। 33 फीसदी से अधिक कंपनियों ने कहा कि ‘वर्क फ्रॉम होम’ अब संगठन परिचालन का हिस्सा बन गया है और 20 फीसदी से अधिक कर्मी दफ्तर से दूर रहकर काम कर रहे हैं।
सर्वे में वाहन, बैंकिंग एवं वित्त, निर्माण एवं इंजीनियरिंग, शिक्षा, एफएमसीजी, आतिथ्य, एचआर समाधान जैसे विभिन्न क्षेत्रों के 1,260 कार्यकारी स्तर के प्रबंधकों और एचआर अधिकारियों से मार्च और अप्रैल के दौरान बात की गई।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)