जालना, 11 सितंबर मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर पिछले 14 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में इस समुदाय ने न्याय पाने के लिए 70 साल तक इंतजार किया है और सत्तारूढ़ तथा विपक्षी दलों को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।
जरांगे से जब संवाददाताओं ने उनकी बिगड़ती सेहत और सलाइन के जरिये शरीर में तरल आहार पहुंचाने के बारे में सवाल किया तो उन्होंने इसकी जरूरत को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि उन्हें ‘मराठा आरक्षण के सलाइन’ की जरूरत है।
जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय ने न्याय पाने के लिए 70 साल तक इंतजार किया है और वह अब और प्रतीक्षा नहीं कर सकता।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को कहा था कि आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार को मुंबई में सर्वदलीय बैठक बुलाई गयी है।
जरांगे ने शनिवार को अपना रुख कड़ा करते हुए कहा था कि उनका अनशन तब तक चलेगा, जब तक महाराष्ट्र के मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत कुनबी प्रमाणपत्र नहीं मिल जाता।
वह सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिये आरक्षण की मांग को लेकर जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में भूख हड़ताल कर रहे हैं।
उन्होंने सोमवार को यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि मराठा समुदाय विपक्षी और सत्तारूढ़ दलों दोनों की कार्रवाई पर नजर रख रहा है। जरांगे ने इन दलों से मराठा आरक्षण के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने की अपील की।
भावनात्मक तरीके से दबाव बनाने और अतर्कसंगत मांगों के आरोपों पर जरांगे ने कहा कि वह अपने समुदाय को न्याय दिलाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
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