पुलिस ने आश्रय गृह से ट्रांसजेंडर व्यक्ति को जबरन उठाया: सक्रियतावादी ने लगाया आरोप
सरकार से सहायता प्राप्त एक आश्रय गृह से एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को जबरन उठाने और पुलिस द्वारा उसकी पिटाई व उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली एक सक्रियतावादी की ‘लाइवस्ट्रीम’ (वीडियो) सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है.
नयी दिल्ली, 23 जुलाई : सरकार से सहायता प्राप्त एक आश्रय गृह से एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को जबरन उठाने और पुलिस द्वारा उसकी पिटाई व उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली एक सक्रियतावादी की ‘लाइवस्ट्रीम’ (वीडियो) सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है. दिल्ली की ट्रांसजेंडर सक्रियतावादी रुद्राणी छेत्री ने 10 मिनट के इस वीडियो में आरोप लगाया है कि डाबरी पुलिस थाने के पुलिसकर्मियों ने ‘गरिमा गृह’ से देर रात उत्तर प्रदेश निवासी एक ट्रांसजेंडर को जबरन उठा लिया.
छेत्री ने कहा, “उन्होंने बलपूर्वक हमसे गरिमा गृह का द्वार खोलने को कहा और उत्तर प्रदेश निवासी ट्रांसजेंडर व्यक्ति को उठा लिया. उसके बारे में पूछने वालों को भी पीटा गया. हमारे ब्रिज कोर्स संयोजक को भी बुरी तरह पीटा गया. पुलिस ने उन्हें प्रताड़ित किया. हम अब भी अस्पताल में हैं. पुलिस ने इसलिए पीटा कि वे ट्रांसजेंडर हैं.” पुलिस के अनुसार, रात 12 बजकर 20 मिनट पर उत्तर प्रदेश पुलिस का एक दल गौतम बुद्ध नगर के बदलापुर पुलिस थाने से डाबरी पुलिस थाने आया और गुमशुदगी के एक मामले में सहायता मांगी. यह भी पढ़ें : मानसून के जोर पकड़ने के कारण हरियाणा, पंजाब में अच्छी बारिश
पुलिस उपायुक्त (द्वारका) एम. हर्षवर्धन ने कहा, “वे सीतापुरी के गरिमा गृह में गए और फिर गुमशुदगी की शिकायत के कथित पीड़ित व्यक्ति को लेकर चले गए. बाद में छह से सात ट्रांसजेंडर पुलिस थाने में आए और उस व्यक्ति से मिलने देने की मांग करने लगे जो उप्र पुलिस के साथ गया था.” उन्होंने कहा, ‘‘वे आक्रामक हो गये और थाने में पुलिस कर्मियों को कर्तव्य निर्वहन से रोका. उनमें से कुछ ने अपने कपड़े उतार लिये और अपशब्द कहने लगे. उन्हें हटाने के लिए न्यूनतम बल प्रयोग किया गया.’’