देश की खबरें | कवि वरवर राव एल्गार परिषद मामले मे जमानत के लिए पहुंचे उच्च न्यायालय

मुम्बई, 13 जुलाई एल्गार परिषद- माओवादी संपर्क मामले में आरोपी कवि और सामाजिक कार्यकर्ता वरवर राव ने अस्थायी जमानत का अनुरोध करते हुए सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और इसके लिए उन्होंने अपने बिगड़ते स्वास्थ्य एवं वर्तमान कोविड-19 महामारी का हवाला दिया।

अस्सी वर्षीय कार्यकर्ता ने अदालत से यह भी अनुरोध किया कि वह जेल अधिकारियों को उनका मेडिकल रिकार्ड पेश करने का निर्देश दे।

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राव वे अपने वकील आर सत्यनारायण अय्यर के माध्यम से उच्च न्यायालय में दो अर्जियां लगायी हैं। एक में विशेष एनआईए अदालत द्वारा 26 जून को उनकी जमानत आवेदन को खारिज किये जाने को चुनौती दी गयी है जबकि दूसरे में नवी मुम्बई की तलोजा जेल के अधिकारियों को उनका मेडिकल रिकार्ड पेश करने का निर्देश देने अनुरोध किया गया।

पिछले करीब दो सालों से सलाखों के पीछे चल रहे राव ने अपने बिगड़ते स्वास्थ्य एवं वर्तमान कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए अस्थायी जमानत मांगी है।

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दूसरी अर्जी में उन्होंने नवी मुम्बई की तलोजा जेल को दो जून, 2020 के बाद का उनका मेडिकल रिकार्ड पेश करने का निर्देश देने अनुरोध किया गया जब उन्हें सरकारी जे जे अस्पताल से छुट्टी दी गयी थी। इस अर्जी में अदालत से यह भी अनुरोध किया गया है कि वह जेल अधिकारियों को राव को तत्काल मेडिकल चेक-अप के लिए भेजने और रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दे। उसमें यह आरोप भी लगाया गया है कि जे जे अस्पताल के सुझाव के बावजूद जेल अधीक्षक ने राव की मेडिकल जांच नहीं करायी, इसलिए जेल के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

दोनों की अर्जियों पर इस सप्ताह तत्काल सुनवाई होने की संभावना है।

राव, आनंद तेलटुम्बेडे और आठ अन्य कार्यकर्ताओं को एल्गार परिषद माओवादी संपर्क मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले की प्रारंभ में पुणे पुलिस ने जांच की थी लेकिन इस साल जनवरी में इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया।

यह मामला 31 दिसंबर, 2017 में पुणे के एल्गार परिषद सम्मेलन में कथित उत्तेजक भाषण देने से जुड़ा है। पुलिस के अनुसार इसी के बाद अगले दिन कोरेगांव भीमा वार स्मारक के पास हिंसा हुई थी।

पुलिस ने यह भी दावा किया था कि इस सम्मेलन का जिन लोगों ने आयोजन किया था, उनका कथित रूप से माओवादियों से संबंध था।

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