मंगलुरु, एक सितंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दोपहर में तटीय शहर मंगलुरु का दौरा करेंगे जहां वह करीब 3,800 करोड़ रुपये की मशीनीकरण व औद्योगीकरण परियोजनाओं का उद्घाटन तथा शिलान्यास करेंगे। वह एक बड़ी जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
पड़ोसी राज्य केरल में कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद मोदी बंदरगाह शहर मंगलुरु पहुंचेंगे और कुछ घंटे तक यहां रुकेंगे। कर्नाटक में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मोदी का दौरा पार्टी में एक नई ऊर्जा डाल सकता है। पार्टी ने राज्य की कुल 224 विधानसभा सीट में से कम से कम 150 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है।
पार्टी तथा आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री कल दोपहर करीब डेढ़ बजे मंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे। वहां से हेलिकॉप्टर से वह न्यू मंगलुरु पोर्ट अथॉरिटी (एनएमपीए) के पनम्बूर स्थित परिसर जाएंगे और विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे या नींव रखेंगे।
वह इसके बाद गोल्डफिंच सिटी ग्राउंड में एक आधिकारिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम में करीब दो लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि भाजपा के एक लाख कार्यकर्ताओं के अलावा, जिला प्रशासन ने केंद्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के करीब 70,000 लाभार्थियों को आमंत्रित किया है। दक्षिण कन्नड़ जिले और पड़ोसी उडुपी के विभिन्न हिस्सों से भी पार्टी कार्यकर्ताओं और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के इस कार्यक्रम में शिरकत करने की संभावना है।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एवं कोयला व खान मंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे, राज्य के मंत्रियों, भाजपा के विधायकों और नेताओं के भी कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है।
प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री न्यू मैंगलोर बंदरगाह प्राधिकरण द्वारा शुरू किए गए बर्थ (जहाज के रुकने के स्थान) नंबर 14 के मशीनीकरण के लिए 280 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना की शुरुआत करेंगे। मोदी बंदरगाह द्वारा शुरू की गई करीब 1,000 करोड़ रुपये की पांच परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे।
टर्मिनल को मशीन संचालित बनाने से कार्यकुशलता में वृद्धि होगी। इससे बंदरगाह में किसी प्रक्रिया को पूरा करने में लगने वाले समय और जहाज खड़ा करने में होने वाली देरी आदि में लगभग 35 प्रतिशत तक कमी आएगी, जिससे कारोबारी माहौल को बढ़ावा मिलेगा।
विज्ञप्ति में कहा गया है परियोजना का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। इसके साथ ही नौभार संभालने की क्षमता में 4.2 एमटीपीए इजाफा हुआ है। 2025 तक यह बढ़कर 6 एमटीपीए से अधिक हो जाएगी।
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