नयी दिल्ली, दो अक्टूबर सितंबर के महीने में आर्थिक गतिविधियों के जोर पकड़ने और त्योहारी मौसम करीब आने से मांग तेज होने से भारत में पेट्रोल और डीजल की बिक्री में खासा उछाल देखा गया।
पेट्रोलियम उद्योग के प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में पेट्रोल की बिक्री 13.2 प्रतिशत बढ़कर 26.5 लाख टन हो गई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 23.4 लाख टन रही थी। वहीं कोविड महामारी से बुरी तरह प्रभावित सितंबर 2020 की तुलना में पेट्रोल की बिक्री 20.7 प्रतिशत अधिक रही है।
हालांकि अगस्त 2022 की तुलना में सितंबर में पेट्रोल की बिक्री में 1.9 प्रतिशत की गिरावट आई है।
देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ईंधन डीजल की बिक्री में सितंबर 2022 के दौरान 22.6 प्रतिशत की उच्च वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले महीने कुल 59.9 लाख टन डीजल की बिक्री हुई। वहीं कोविड-प्रभावित सितंबर 2020 की तुलना में डीजल बिक्री 23.7 प्रतिशत अधिक रही है।
अगस्त की तुलना में पिछले महीने डीजल की मांग में 1.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। अगस्त में यह जुलाई की तुलना में पांच प्रतिशत गिर गई थी।
उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि देश के अधिकांश हिस्सों में मानसूनी बारिश का मौसम खत्म हो जाने और कृषि गतिविधियों में तेजी आने से डीजल की मांग को समर्थन मिला। इसके अलावा त्योहारों का मौसम करीब आने से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई जिससे ईंधन की मांग बढ़ी।
इसके पहले जुलाई और अगस्त के महीनों में मानसून के सक्रिय रहने से मांग कम रही और पेट्रोल एवं डीजल की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई थी।
हवाई परिवहन गतिविधियों के जोर पकड़ने से विमान ईंधन (एटीएफ) की मांग भी एक साल पहले की तुलना में सितंबर में 41.7 प्रतिशत उछलकर 5.44 लाख टन हो गई। सितंबर 2020 की तुलना में यह वृद्धि 81.3 प्रतिशत रही है।
इसी तरह रसोई गैस के रूप में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी की बिक्री भी पिछले महीने 5.4 प्रतिशत बढ़कर 24.8 लाख टन हो गई। सितंबर 2020 की तुलना में एलपीजी की बिक्री 9.3 प्रतिशत बढ़ी है।
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