उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार दिमागी बुखार (इंसेफलाइटिस) से होने वाली मौतों को इस साल 95 प्रतिशत तक नियंत्रित कर पाने में सक्षम है।
मुख्यमंत्री ने यहां महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 88वें स्थापना सप्ताह समारोह के उदघाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह कहा।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) बिपिन रावत भी उपस्थित थे।
योगी ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र कोविड-19 का प्रसार रोकने की पूरी कोशिश कर रही है। साथ ही, भविष्य में टीकाकरण के लिए भी तैयारी की जा रही है लेकिन ‘‘हमें एहतियात बरतना जारी रखना होगा और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। ’’
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अधिकारियों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के अब तक 5,51,179 मामले सामने आए हैं, जिनमें 7,877 मौतें भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्य में इंसेफलाइटिस से हौने वाली मौतों के मामलों में कमी आने का श्रेय केंद्र के स्वच्छ भारत अभियान को दिया।
उन्होंने महाराणा प्रताप का उदाहरण दते हुए युवाओं को चुनौतियों के समय मजबूत बने रहने की सलाह दी।
मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप का उदाहरण देते हुए युवाओं से लक्ष्य निर्धारित करने और जीवन में सही अनुकरणीय व्यक्ति चुनने की अपील की।
योगी ने कहा कि महाराणा प्रताप ने जंगलों में रहकर घास की रोटियां खाई, लेकिन विदेशी ताकतों के सामने वह नहीं झुके। उन्होंने कहा कि नकारात्मक विचारों वाले व्यक्ति को कभी भी सफलता नहीं मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना महंत दिग्विजय नाथ ने महाराणा प्रताप से प्रेरणा लेते हुए 88 साल पहले की थी।
जनरल रावत ने अपने संबोधन में इस बात का जिक्र किया कि कड़ी मेहनत और टीमवर्क सफलता की कुंजी है। उन्होंने यह भी कहा कि जीवन में शिक्षक बहुत महत्वपूर्ण हैं और उनकी जगह प्रौद्योगिकी नहीं ले सकती।
वहीं, लखनऊ से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार योगी कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने के साथ भारत की जनता को करीब पांच सौ वर्षों के बाद सांस्कृतिक विजय मिली है।
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