
जम्मू, नौ फरवरी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता इल्तिजा मुफ्ती ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के कठुआ और बारामूला जिलों में मानवाधिकार उल्लंघन की दो कथित घटनाओं की न्यायिक जांच की मांग की।
पीडीपी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने हाल में पुलिस की कथित यातना से परेशान होकर आत्महत्या करने वाले एक युवक के परिवार से मुलाकात की।
उन्हें जम्मू में पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करना था, लेकिन उन्होंने दावा किया कि बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें सर्किट हाउस से बाहर नहीं जाने दिया।
इल्तिजा ने एक दिन पहले दावा किया था कि उन्हें और उनकी मां महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया है।
कठुआ के बिलावर क्षेत्र के गुर्जर समुदाय के युवक माखन दीन (25) ने मंगलवार शाम अपने घर पर कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली थी तथा खुद को निर्दोष बताते हुए इसका वीडियो भी बना लिया था।
माखन दीन ने आतंकवादियों से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया, जिसके बाद पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने अलग-अलग जांच शुरू कर दी।
इल्तिजा को पुलिस द्वारा बाहर जाने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद उन्होंने सर्किट हाउस के द्वार के निकट प्रतीक्षा कर रहे पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं कठुआ और बारामूला (जहां बुधवार को एक ट्रक चालक को जांच चौकी फांदने पर सेना द्वारा गोली मार दी गई थी) में हुए मानवाधिकार उल्लंघन की दोनों घटनाओं की न्यायिक जांच की मांग करती हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक कठुआ मामले का सवाल है, स्थानीय थाना प्रभारी (एसएचओ) जितेंद्र सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। परिवारों ने दावा किया है कि उनके बच्चों को जबरन पैसे वसूलने के लिए उठाया जा रहा है। पूरा इलाका आतंक के साये में है, और यह किसी आतंकवादी का नहीं बल्कि एक पुलिस अधिकारी का काम है।’’
आरोपी अधिकारी के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई न होने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘क्या मैं यहां कोई कानून तोड़ने आई हूं? मैं रात के समय चोरों की तरह श्रीनगर से जम्मू आई और सुबह छह बजे कठुआ पहुंची। जम्मू लौटने पर मुझे हिरासत में ले लिया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने क्या गलत किया है? अगर कोई मानवाधिकार उल्लंघन हुआ है, तो जवाबदेही होनी चाहिए और हमें यह जानना चाहिए कि एक युवा ने इस तरह से अपनी जिंदगी क्यों समाप्त की?’’
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) सरकार की आलोचना करते हुए इल्तिजा ने कहा कि मुख्यमंत्री मृतक युवक की पत्नी को सांत्वना देने के बजाय दिल्ली में ‘अल फ्रेस्को’ लंच का आयोजन कर रहे हैं। युवक की पत्नी ने पिछले पांच दिनों से खाना नहीं खाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार यह कह कर खुद को दोषमुक्त करना चाहती है कि यह (कानून और व्यवस्था) उपराज्यपाल की जिम्मेदारी है।’’
इल्तिजा ने जम्मू पहुंचने पर ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अभी मुझे सर्किट हाउस जम्मू में हिरासत में लिया गया है। यह सब इसलिए किया गया क्योंकि जम्मू-कश्मीर पुलिस चाहती थी कि मैं शाम चार बजे होने वाला अपना संवाददाता सम्मेलन रद्द कर दूं।’’
इससे पहले दिन में पीडीपी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘अंततः इल्तिजा कठुआ के बिलावर पहुंचने में सफल रहीं और माखन दीन के शोक संतप्त परिवार से मिलीं, जिसने पुलिस यातना के कारण आत्महत्या कर ली थी।’’
महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘यह अत्यंत दुःखद है कि उन्हें (इल्तिजा को) पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के लिए इतनी सारी बाधाओं का सामना करना पड़ा और एक भगोड़े की तरह यात्रा करनी पड़ी। सत्ताधारी पार्टी ने सभी मुद्दों को उपराज्यपाल के मत्थे मढ़कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। हालांकि, एक जिम्मेदार विपक्ष के तौर पर पीडीपी हमेशा लोगों के दुख में उनके पास पहुंचेगी।’’
इल्तिजा ने शनिवार को सोशल मीडिया पर दावा किया कि उन्हें और उनकी मां को श्रीनगर में नजरबंद कर दिया गया है।
उन्होंने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘मैं माखन दीन के परिवार से मिलने के लिए कठुआ जाना चाहती थी, लेकिन मुझे घर से बाहर निकलने की भी अनुमति नहीं दी जा रही है। चुनाव के बाद भी कश्मीर में कुछ नहीं बदला है। अब पीड़ितों के परिवारों को सांत्वना देना भी अपराध माना जा रहा है। ’’
इल्तिजा ने कहा, ‘‘मेरी मां और मुझे दोनों को ही घर में नजरबंद कर दिया गया है। हमारे दरवाजे बंद कर दिए गए हैं क्योंकि उन्हें (महबूबा) सोपोर जाना था जहां वसीम मीर (ट्रक चालक) को सेना ने गोली मार दी थी।’’
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