नयी दिल्ली, 14 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने अग्रिम जमानत से संबंधित एक मामले में पारित पटना उच्च न्यायालय के आदेशों को बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया। इनमें से एक आदेश सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय को उच्च न्यायालय के समक्ष पेश होने का नोटिस देने से संबंधित था।
उच्च न्यायालय ने एक अन्य व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किए थे।
शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय ने आवेदक की अग्रिम जमानत याचिका पर विचार करते हुए इस मामले के प्रासंगिक तथ्यों से "संबंध न रखने वाले" मामलों के बारे में पूछा।
न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने कहा, ''मौजूदा मामले में, हमने देखा कि उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत के आवेदन को लंबित रखा और निर्देश जारी किए, जिसमें तीसरे पक्ष को अदालत के समक्ष पेश होने के लिए नोटिस देना शामिल है। हमारी राय में, यह अस्वीकार्य है।''
शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के 11 फरवरी और 27 अप्रैल के आदेशों को रद्द कर दिया।
इससे पहले न्यायालय ने 11 फरवरी के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें उच्च न्यायालय ने अपने सामने लंबित जमानत याचिका में सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और रॉय को प्रतिवादी पक्ष के रूप में शामिल करने का आदेश दिया था और उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा था।
वहीं, 27 अप्रैल को उच्च न्यायालय ने रॉय को व्यक्तिगत रूप से अपने समक्ष पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था। अदालत ने कहा था कि सहारा समूह और अन्य कंपनियां, जो एक महीने पहले तक जमा किए जाने के लिए रकम ले रही थीं, उन्हें निवेशकों की धनराशि लौटाने की योजना लेकर आने का निर्देश दिया जाता है।
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