विदेश की खबरें | संसदीय चुनाव: 48 देशों में फैले लेबनानी नागरिक कर रहे मतदान

संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, रूस, यूरोपीय संघ के सदस्य देशों और कई अफ्रीकी देशों सहित 48 देशों में रह रहे 1,94,348 लेबनानी नागरिकों ने रविवार को मतदान के लिए पंजीकरण कराया था। ये मतदाता दुनियाभर के 192 मतदान केंद्रों पर मतदान करेंगे, जिनमें से कई लेबनानी राजनयिक मिशनों में रह रहे हैं।

लेबनान में मतदान 15 मई को होगा। विदेश मंत्री अब्दुल्ला बुहाबीब के अनुसार शुक्रवार के मतदान के दौरान पंजीकृत 30,929 मतदाताओं में से 59.45 प्रतिशत ने मतदान किया।

रविवार को मतदान करने वालों में कई लेबनानी हैं जो पिछले दो वर्षों में एक ऐतिहासिक आर्थिक मंदी के दौरान देश छोड़कर चले गए थे।

संसदीय चुनाव हर चार साल में एक बार होता है और 2018 में हुए आखिरी चुनाव में ईरान समर्थित शक्तिशाली हिजबुल्लाह समूह और उसके सहयोगियों को बहुमत मिला था।

अक्टूबर 2019 में आर्थिक और वित्तीय संकट के कारण देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से 128 सदस्यीय विधायिका के लिए यह पहला मतदान है। बेरूत के बंदरगाह पर 4 अगस्त, 2020 को हुए भीषण विस्फोट के बाद भी का भी यह पहला मतदान है, जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए।

इस बार पश्चिमी देशों द्वारा समर्थित मुख्यधारा की पार्टियां हिजबुल्लाह को पछाड़कर बहुमत पाने की उम्मीद कर रही हैं।

इस बार पूर्व प्रधानमंत्री और सुन्नी नेता साद हरीरी ने अपना राजनीतिक क्रियाकलाप निलंबित कर दिया है। इसे लेकर कुछ लोगों ने चेतावनी दी है कि इससे हिजबुल्लाह के सुन्नी सहयोगियों को अधिक सीट जीतने में मदद मिल सकती है। लेकिन स्थानीय मीडिया ने बताया कि हरीरी पर सऊदी अरब का इस बात के लिए दबाव है कि वह अपने समर्थकों को बाहर निकलने और वोट देने के लिए मनाएं ताकि हिजबुल्ला को लाभान्वित होने से रोका जा सके। सऊदी अरब और हिजबुल्लाह समर्थक ईरान क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी हैं।

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