
नयी दिल्ली, 27 मार्च राज्यसभा ने बृहस्पतिवार को वित्त विधेयक 2025 को चर्चा के बाद लोकसभा को लौटा दिया और इसके साथ ही वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक फरवरी से शुरू हुई बजट प्रक्रिया पूरी हो गई।
उच्च सदन ने विनियोग विधेयक (3) को भी ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया।
संसद के निचले सदन लोकसभा ने 25 मार्च को वित्त विधेयक और 21 मार्च को विनियोग विधेयक पारित किया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयकों पर हुयी चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि वित्त मंत्रालय की प्रवृत्ति सावधानी बरतने और राजस्व को नुकसान नहीं होने देने की होती है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘...लेकिन, हम इस अवसर का उपयोग भारतीय करदाताओं के प्रति अपना सम्मान जताने के लिए करना चाहते हैं। हमने (आयकर के लिए) 12 लाख रुपये की सीमा तय करने की दिशा में कदम बढ़ाया है, उस सीमा तक किसी को कोई कर नहीं देना होगा।’’
केंद्रीय बजट 2025-26 में कुल 50.65 लाख करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान किया गया है, जो चालू वित्त वर्ष की तुलना में 7.4 प्रतिशत अधिक है।
अगले वित्त वर्ष के लिए प्रस्तावित कुल पूंजीगत व्यय 11.22 लाख करोड़ रुपये और प्रभावी पूंजीगत व्यय 15.48 लाख करोड़ रुपये है। इसमें 42.70 लाख करोड़ रुपये का सकल कर राजस्व संग्रह और 14.01 लाख करोड़ रुपये की सकल उधारी का प्रस्ताव है।
बजट दस्तावेजों के अनुसार, एक अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के वास्ते 5,41,850.21 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए व्यय के बजट अनुमानों में कई कारणों से वृद्धि हुई है, जिनमें बाजार ऋण, राजकोषीय बिल, बाहरी ऋण, लघु बचत और भविष्य निधि पर ब्याज के भुगतान में वृद्धि; पूंजीगत व्यय सहित सशस्त्र बलों की आवश्यकताएं और रोजगार सृजन योजना के लिए अधिक प्रावधान शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2026 के लिए राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के 4.8 प्रतिशत के मुकाबले 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)