मुंबई, 29 नवंबर मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह अपने खिलाफ जबरन वसूली के दर्ज दो मामले के संबंध में सोमवार को महाराष्ट्र अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के सामने बयान दर्ज कराने के लिए पेश हुए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि सीआईडी द्वारा जारी नोटिस के बाद सिंह दोपहर करीब साढ़े तीन बजे नवी मुंबई के बेलापुर स्थित कार्यालय पहुंचे। एजेंसी सिंह के खिलाफ दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव थाने और ठाणे शहर से सटे कोपरी थाने में दर्ज जबरन वसूली के मामलों की जांच कर रही है। पूर्व में सीआईडी ने मरीन ड्राइव मामले में पुलिस निरीक्षक नंदकुमार गोपाल और आशा कोर्के को गिरफ्तार किया था।
इससे पहले दिन में, महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे एक आयोग ने परमबीर सिंह के खिलाफ जारी जमानती वारंट रद्द कर दिया, जब सिंह सोमवार को आयोग के सामने पेश हुए।
तत्कालीन गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख के खिलाफ सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए इस साल मार्च में महाराष्ट्र सरकार द्वारा न्यायमूर्ति के यू चांदीवाल आयोग का गठन किया गया था। आयोग ने इससे पहले सिंह पर कई मौकों पर पेश होने में नाकाम रहने के लिए जुर्माना लगाया था और उनके खिलाफ जमानती वारंट भी जारी किया था।
जबरन वसूली के एक मामले में यहां की एक अदालत द्वारा फरार घोषित सिंह छह महीने बाद पिछले बृहस्पतिवार को सार्वजनिक रूप से सामने आए और अपना बयान दर्ज कराने के लिए मुंबई अपराध शाखा के समक्ष पेश हुए। उच्चतम न्यायालय ने उन्हें गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा दी है।
एक स्थानीय बिल्डर की शिकायत पर अपने और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज जबरन वसूली के मामले में सिंह शुक्रवार को ठाणे पुलिस के समक्ष पेश हुए। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी परमबीर सिंह के खिलाफ महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कम से कम पांच मामले दर्ज हैं।
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