संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच पाकिस्तान ने लॉकडाउन में दी छूट

इस्लामाबाद, नौ मई पाकिस्तान ने कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद एक महीने से चल रहे लॉकडाउन में रियायत देनी शुरू कर दी है। देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 27,474 हो गए हैं जबकि पिछले 24 घंटे में ही संक्रमण के 1,637 नए मामले सामने आए जबकि 24 लोगों की इस दौरान जान चली गई।

प्रधानमंत्री इमरान खान ने बृहस्पतिवार को कहा था कि पाकिस्तान शनिवार से विभिन्न कारोबारों को फिर से शुरू करने की अनुमति देकर राष्ट्रव्यापी बंद में चरणबद्ध तरीके से ढील देगा। देश में मार्च के अंत में बंद लागू किया गया था और अब इसकी वजह से आर्थिक संकट को देखते हुए राहत दिये जाने की बात हो रही है।

बंद में ढील का पहला चरण शुरू हो चुका है और सरकार ने और कारोबारों को सुबह से शाम पांच बजे तक खोलने की घोषणा की है।

‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने खान के हवाले से अपनी खबर में कहा कि संघीय सरकार लोगों को अधिकतम राहत देने की कोशिश कर रही है लेकिन देश के मौजूदा आर्थिक हालातों को देखते हुए बंद में अनिवार्य रूप से रियायत दी जानी चाहिए।

सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह और खैबर-पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के सलाहकार अजमल वजीर ने कहा कि प्रांतीय सरकार भी इस योजना पर खान से सहमति रखती हैं।

खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने शुक्रवार को 21 मार्च को लागू किये गए बंद में ढील की घोषणा की थी। इसके मुताबिक दुकानें और कुछ चुनिंदा कारोबार हफ्ते में चार दिन खुलेंगे और सभी प्रतिष्ठानों को शाम चार बजे बंद कर दिया जाएगा।

मौलवियों के सरकारी दिशानिर्देशों और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने पर सहमति जताने के बाद सरकार ने रमजान के दौरान मस्जिदों में नमाज अदा करने की अनुमति भी दे दी है।

चिकित्सकों और विपक्ष ने हालांकि फैसलों को लेकर आपत्ति जाहिर की है। पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा, “बंद या कोरोना वायरस को लेकर इस सरकार की कोई नीति नहीं है।” कुछ कारोबारों को खोलने की इजाजत यद्यपि दी गई है लेकिन पाकिस्तान में विद्यालयों को 15 जुलाई तक बंद रखने का फैसला किया गया है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय के मुताबिक पाकिस्तान में एक दिन में संक्रमण के 1637 नए मामले आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 27,474 हो गई। इस महामारी के कारण 24 और लोगों की जान भी गई है जिससे देश में इस बीमारी के कारण अब तक 618 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

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