इस्लामाबाद, चार अक्टूबर पाकिस्तान सरकार ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर बैठक के दौरान राजधानी इस्लामाबाद में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना तैनात करने का शुक्रवार को निर्णय लिया।
पाकिस्तान 15-16 अक्टूबर को, पहली बार इस शिखर बैठक की मेजबानी करने वाला है।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, सेना तैनात करने का निर्णय संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत लिया गया है, जो सरकार को शांति बनाए रखने में नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सेना तैनात करने का अधिकार देता है।
मंत्रालय ने कहा कि संघीय सरकार राजधानी इस्लामाबाद में, 5 से 17 अक्टूबर तक नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए पाकिस्तानी सेना की तैनाती को अधिकृत कर रही है।
अधिसूचना के अनुसार, सेना इस्लामाबाद में प्रमुख सरकारी इमारतों और संवेदनशील क्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेगी।
हालांकि, अर्धसैनिक रेंजर्स पहले से ही राजधानी में तैनात हैं, लेकिन शिखर बैठक के दौरान सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए सेना तैनात की जाएगी।
संघीय सरकार ने इस आयोजन की तैयारियां पूरी कर ली हैं, जिसमें एससीओ के आठ सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधिमंडल भाग लेंगे।
इस मुद्दे पर आयोजित एक बैठक के दौरान, गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि एससीओ शिखर बैठक के सुरक्षा इंतजाम के लिए पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, फ्रंटियर कोर (एफसी) और पंजाब पुलिस के अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया जाएगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर के एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद (एससीओ-सीएचजी) की बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान की यात्रा करने की घोषणा के बीच, पाकिस्तान ने यह निर्णय लिया।
नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में आयोजित होने वाले एससीओ शिखर बैठक में भाग लेने के लिए हमारे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।’’
हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि जयशंकर इस बैठक से इतर पाकिस्तान के किसी नेता से मिलेंगे या नहीं।
यह लगभग एक दशक में, भारत के किसी विदेश मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा होगी।
एससीओ का गठन 2001 में किया गया था। इसका उद्देश्य क्षेत्र में राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है।
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