Pakistan: इमरान खान ने ‘हकीकी आजादी मार्च’ को बीच में छोड़ने की अफवाहों को खारिज किया

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सरकार के साथ बातचीत के लिए शुक्रवार से शुरू हुए अपने ‘‘हकीकी आजादी मार्च’’ को बीच में छोड़ने की अफवाहों को शनिवार को खारिज किया. उन्होंने कहा कि जब तक अधिकारी मध्यावधि चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं करेंगे, तब तक ‘‘बातचीत की कोई संभावना नहीं’’ है.

इमरान खान (Photo Credits: Twitter)

इस्लामाबाद, 30 अक्टूबर : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सरकार के साथ बातचीत के लिए शुक्रवार से शुरू हुए अपने ‘‘हकीकी आजादी मार्च’’ को बीच में छोड़ने की अफवाहों को शनिवार को खारिज किया. उन्होंने कहा कि जब तक अधिकारी मध्यावधि चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं करेंगे, तब तक ‘‘बातचीत की कोई संभावना नहीं’’ है. शनिवार को रैली के दूसरे दिन प्रदर्शनकारी उस निर्धारित गंतव्य तक पहुंचने में विफल रहे, जहां इमरान अपने समर्थकों को संबोधित करने वाले थे. इमरान के रैली को बीच में छोड़ने की अफवाहें तब फैलीं, जब वह कारवां के काला शाह काकू पहुंचने पर लाहौर लौट गए. इमरान के नेतृत्व वाली ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (पीटीआई) पार्टी के महासचिव असद उमर ने कहा कि इमरान एक ‘‘बहुत महत्वपूर्ण बैठक’’ में हिस्सा लेने के लिए लाहौर रवाना हुए हैं.

इमरान ने ट्विटर पर उन अफवाहों को खारिज किया कि लाहौर में ‘पीटीआई’ और सरकार के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक हो रही है. ‘पीटीआई’ प्रमुख ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘‘लाहौर में मेरी बैठक के बारे में अफवाहें फैलाने वाले सभी लोगों के लिए, हमारे लौटने का कारण यह था कि लाहौर करीब था और हमने पहले ही रात में वहां नहीं जाने का फैसला किया था. छह महीने से मेरी एक ही मांग है कि जल्द निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने की तारीख दी जाए. अगर बातचीत होनी है तो यही एकमात्र मांग होगी.’’ ‘पीटीआई’ के एक नेता फवाद चौधरी ने ‘बोल न्यूज’ चैनल से कहा, प्रदर्शनकारियों की गति धीमी थी, क्योंकि ‘‘हजारों लोग’’ इमरान के कंटेनर के पीछे चल रहे थे. यह भी पढ़ें : PAK vs NED: पाकिस्तान ने नीदरलैंड को 6 विकेट से हराकर T20 विश्व कप 2022 में अपनी पहली दर्ज की जीत

उन्होंने कहा, ‘‘पीटीआई का कोई नेता सरकार के साथ कोई बातचीत नहीं कर रहा है, क्योंकि यह काम राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को सौंपा गया है. डॉ. अल्वी ने जो समाधान निकाला है, हम उस सहमति या समाधान को स्वीकार करेंगे.’’ चौधरी ने यह भी कहा कि बातचीत सरकार से नहीं, बल्कि ताकतवर प्रतिष्ठान से होगी और बातचीत का मुख्य बिंदु मध्यावधि चुनाव होगा. चौधरी ने कहा, ‘‘बातचीत तभी होगी, जब गठबंधन सरकार मध्यावधि चुनाव की मांग मान लेगी.’’ पूर्व वाणिज्य मंत्री हम्माद अजहर ने कहा कि रविवार को तीसरे दिन ‘‘हकीकी आजादी मार्च’’ के गुजरांवाला पहुंचने की संभावना है. इमरान पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि प्रदर्शनकारी चार नवंबर को इस्लामाबाद पहुंचकर एक रैली करेंगे, जिसके लिए सरकार ने अब तक अनुमति नहीं दी है.

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