वाशिंगटन, 25 सितंबर : विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने कहा कि अपने आप को सूत्रधार के रूप में पेश करने वाला पाकिस्तान कई मायनों में कुछ समस्याएं खड़ी करने वाला देश रहा है जिनसे भारत अपने पड़ोस में निपट रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच भारत-अमेरिका द्विपक्षीय बैठक और ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान तथा अमेरिका के क्वाड शिखर सम्मेलन दोनों के दौरान अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका पर और सावधानीपूर्वक नजर रखने पर बात हुई. श्रृंगला ने शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘दोनों चर्चाओं में यह बात स्पष्ट रही कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका पर और सावधानीपूर्वक नजर रखी जाए. आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की भूमिका पर नजर रखनी है और चाहे क्वाड हो या उसके अन्य सहयोगी उन्हें इस पर ध्यान रखना होगा.’’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘एक महत्वपूर्ण बात जिसे कई बार अनदेखा किया जाता है कि वह यह है कि अपने आप को सूत्रधार बताने वाला पाकिस्तान कई मायनों में उन समस्याओं को पैदा करने वाला है जिससे हम अपने पड़ोस में निपट रहे हैं.’’
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया और जापान के अपने समकक्षों क्रमश: स्कॉट मॉरिसन और योशिहिदे सुगा के साथ शुक्रवार को पहली बार आमने-सामने हुई क्वाड नेताओं की बैठक में हिस्सा लिया जिसकी मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति ने की थी. मोदी ने व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में बाइडन के साथ पहली द्विपक्षीय बैठक भी की. श्रृंगला ने कहा कि व्हाइट हाउस में द्विपक्षीय चर्चा के दौरान अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका पर स्पष्ट तौर पर चिंता जतायी गयी. भारत और अमेरिका दोनों ने इस पर सहमति जतायी कि आतंकवाद का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है. दोनों पक्षों ने छद्म आतंकवाद की निंदा की और आतंकवादी समूहों को साजोसामान, वित्तीय या सैन्य सहयोग न देने की महत्ता पर जोर दिया जिसका इस्तेमाल आतंकवादी हमले करने या उसकी योजना बनाने में किया जा सकता है. विदेश सचिव ने कहा कि नेताओं ने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत आतंकवाद रोधी संयुक्त कामकाजी समूह की बैठक आयोजित करेंगे और कानून प्रवर्तन के क्षेत्रों में अमेरिका और भारत के बीच नए सिरे से आंतरिक सुरक्षा संवाद भी होगा. यह भी पढ़ें : क्वाड नेताओं ने दक्षिण एशिया में ‘पर्दे के पीछे से आतंकवाद’ के इस्तेमाल की निंदा की
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पर काफी चर्चा हुई. इस बात को काफी अहमियत दी गयी कि संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव 2593 स्वीकार किया गया और भारत ने सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता की. यह एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव है जो अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आम राय तथा वहां सत्तारूढ़ सरकार के कर्तव्यों को दर्शाता है. श्रृंगला ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान में आतंकवाद से लड़ने की महत्ता पर जोर दिया. उन्होंने तालिबान से प्रस्ताव 2593 के तहत सभी प्रतिबद्धताओं का पालन करने का आह्वान किया. इसमें यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि अफगान सरजमीं का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ हमले करने, किसी भी आतंकवादी समूह को पनाह देने या आतंकवादी हमलों को वित्त पोषण देने पर न हो.’’ उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान में महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का सम्मान करने का भी आह्वान किया. उन्होंने अफगानिस्तान में समावेशी राजनीतिक सरकार बनाने का भी आह्वान किया.