विदेश की खबरें | पाकिस्तान सेना ने सैन्य संस्थाओं पर हमलों के साजिशकर्ताओं पर कानून का फंदा कसने का संकल्प किया
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

इस्लामाबाद, सात जून पाकिस्तान की सेना ने सरकार के खिलाफ ‘‘घृणा और राजनीतिक रूप से प्रेरित विद्रोह’’ के ‘‘षड्यंत्रकारियों’’ पर ‘‘कानून का फंदा’’ कसने का बुधवार को संकल्प लिया।

सेना ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थकों द्वारा सैन्य संस्थाओं पर हमला किए जाने के करीब एक महीने बाद यह फैसला किया।

सेना के मीडिया शाखा ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ (आईएसपीआर) ने एक बयान में बताया कि सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर की अध्यक्षता में रावलपिंडी स्थित ‘जनरल हेडक्वार्टर’ (जीएचक्यू) में 81वीं ‘फॉर्मेशन कमांडर्स कॉन्फ्रेंस’ के दौरान यह निर्णय लिया गया।

जनरल मुनीर ने बैठक में कहा, ‘‘शत्रु ताकतें और उन्हें उकसाने वाले लोग फर्जी समाचार और दुष्प्रचार के माध्यम से समाज में फूट डालने और भ्रम पैदा करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसे सभी मंसूबे देश के पूर्ण समर्थन से पराजित होते रहेंगे, इंशाअल्लाह।’’

उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तानी सेना देश की ‘‘क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता’’ की रक्षा के राष्ट्रीय दायित्वों को लेकर प्रतिबद्ध रहेगी।

आईएसपीआर ने कहा कि इस मंच ने ‘‘नौ मई के काला दिवस’’ पर हुईं घटनाओं की निंदा की और अपना संकल्प दोहराया कि शुहादा स्मारकों, जिन्ना हाउस और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वालों को पाकिस्तान सेना अधिनियम और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत निश्चित रूप से न्याय के दायरे में जल्द लाया जाएगा।

बयान में कहा गया, ‘‘इस बात पर जोर दिया गया है कि अपराधियों और उन्हें भड़काने वालों के खिलाफ कानूनी मुकदमे शुरू हो गए हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि उन षड्यंत्रकर्ताओं और मास्टरमाइंड पर भी कानून का फंदा कसा जाए जिन्होंने सरकार और सरकारी संस्थाओं के खिलाफ नफरत भरे और राजनीतिक रूप से प्रेरित विद्रोह को बढ़ावा दिया, ताकि वे देश में अराजकता पैदा करने के अपने नापाक इरादों को पूरा कर सकें।’’

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