इस्लामाबाद, 27 दिसंबर पाकिस्तान की सेना ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि बीत रहे साल में भारत ने नियंत्रण रेखा का 25 बार उल्लंघन किया। उसने धमकी दी कि अगर भारत की सेना हमला करेगी तो उसे तुरंत जवाब दिया जाएगा।
सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने साल के अंत में होने वाले संवाददाता सम्मेलन में ये आरोप लगाए। हालांकि, उन्होंने इन आरोपों के समर्थन में विस्तार से कोई जानकारी नहीं दी।
प्रवक्ता ने कहा कि सुरक्षा बलों ने 2024 में कम से कम 925 आतंकवादियों को मार गिराया और करीब 60,000 अभियानों में अपने 383 जवानों को खो दिया।
पाकिस्तान की सेना मुख्य रूप से बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में आतंकवाद से जूझ रही है।
अधिकारी ने दावा किया कि भारत ने नियंत्रण रेखा का 25 बार उल्लंघन किया और कई बार ‘फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन’ को अंजाम दिया। ‘फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन’ शब्द का इस्तेमाल फर्जी सैन्य कार्रवाई के संदर्भ में किया जाता है ताकि जिम्मेदारी दूसरे पक्ष पर डाली जा सके।
प्रवक्ता ने दावा किया कि ऐसे अभियानों की घोषणा हमेशा फर्जी सोशल मीडिया खातों के माध्यम से की जाती है जो भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) से जुड़े थे।
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान की सेना के पास भारत की किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का निणार्यक जवाब देने की क्षमता है।’’
लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने जम्मू कश्मीर के परोक्ष संदर्भ में आरोप लगाया, ‘‘भारतीय बल आजादी के लिए संचालित गतिविधियों को दबाने के लिए क्रूरतापूर्ण चालें अपना रहे हैं।’’
भारत बार-बार पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाता है।
पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता ने भारत सरकार पर अपनी सीमाओं के अंदर और विदेश में, दोनों जगह सिख समेत अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप भी लगाया।
चौधरी ने कहा कि 2024 में देश के सुरक्षा बलों द्वारा मारे गऐ आतंकवादियों की संख्या पिछले पांच साल में सर्वाधिक रही।
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन लगभग 170 अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे कई आतंकवादी प्रयासों को विफल करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि इन अभियानों में भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए हैं।
चौधरी ने कहा कि 73 ‘उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों’ को भी मार दिया गया, जिनमें 27 अफगान नागरिक शामिल थे, जबकि 14 अन्य आतंकवादियों ने अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
प्रवक्ता ने अफगान तालिबान शासन पर आतंकवादियों, विशेष रूप से प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से संबंधित लोगों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने अफगान अधिकारियों से बागियों को अपनी धरती का उपयोग करने से रोककर इस मुद्दे से निपटने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘अफगान धरती का इस्तेमाल टीटीपी आतंकवादियों द्वारा किया जा रहा है। पाकिस्तान में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने वाले लोग अफगानिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों पर जाते हैं।’’
चौधरी ने कहा कि अफगानिस्तान से सीमा पार करने वालों के लिए ‘एक-दस्तावेज’ व्यवस्था लागू की गई है और अवैध सीमा पार करने वालों में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि अवैध अफगानिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है और सितंबर 2023 से अब तक 8,15,000 लोगों को निष्कासित किया जा चुका है। चौधरी ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान के साथ द्विपक्षीय रूप से और साथ ही ‘अंतरराष्ट्रीय मित्रों’ के माध्यम से बातचीत की जा रही है।
उन्होंने आतंकवाद की ताजा लहर के लिए जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता इमरान खान को अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘‘हम विद्रोहियों के साथ बातचीत और पुनर्वास की नीति की कीमत चुका रहे हैं।’’
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