हैदराबाद, 24 अक्टूबर : एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि वह गाजा में मानवीय गलियारा खुलवाने और संघर्षविराम कराने का प्रयास करें जिससे कि लोगों को राहत मिल सके. ओवैसी सोमवार रात यहां पार्टी मुख्यालय में ‘‘फलस्तीन में इजराइल के अत्याचारों के विरोध में’’ आयोजित एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. फलस्तीनी उग्रवादी समूह हमास ने सात अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल में रॉकेट हमलों की झड़ी लगा दी थी. इस अभूतपूर्व हमले के कारण इज़राइल रक्षा बलों की ओर से जवाबी कार्रवाई शुरू हो गई है.
भारत द्वारा राहत सामग्री भेजने के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा, ‘‘भारत सहायता भेज रहा है. लेकिन, इजराइल कह रहा है कि हम इसकी अनुमति नहीं देंगे. हम राफा के माध्यम से गाजा को सहायता भेजने के बारे में बात कर रहे हैं. हमारे विमान जा चुके हैं. हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग करते हैं कि वह पहले वहां संघर्षविराम कराएं. गाजा में संघर्षविराम कराएं और वहां एक मानवीय गलियारा खुलवाएं.’’ उन्होंने कहा कि गाजा में 50,000 महिलाएं गर्भवती हैं और अस्पतालों में बिजली, ऑक्सीजन और अन्य आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध नहीं हैं. यह भी पढ़ें : Ganga Water Supply Disrupted: गाजियाबाद-नोएडा में आज रात से गंगाजल सप्लाई का संकट, नहर की सफाई के चलते हुए आपूर्ति बाधित
ओवैसी ने कहा कि गाजा में ‘‘हमले’’ की निंदा की जानी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि गाजा में इजराइल जो कर रहा है वह ‘‘नरसंहार’’ है. उन्होंने कहा, ‘‘जी20 के प्रमुख के तौर पर देश के प्रधानमंत्री की अतिरिक्त जिम्मेदारी है कि वह संघर्षविराम कराएं और वहां एक मानवीय गलियारा खुलवाएं, ताकि, फलस्तीन के लोगों को राहत मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके.’’ गाजा में रहने वाले लोगों की दुर्दशा पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच, भारत ने रविवार को दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों समेत 38 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी.